बैंक ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने बैंक खाते में नॉमिनी बनाने के नियम में बड़ा बदलाव किया है। लोकसभा में मंगलवार को पारित बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 में बैंक अकाउंट होल्डर को खाते में 4 नॉमिनी बनाने की अनुमति दे गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए इस विधेयक को संसद के निचले सदन ने ध्वनि मत से मंजूरी दी। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि Depositors के पास एक के बाद एक या एक ही समय में सभी 4 को नॉमिनी बनाने का विकल्प होगा।
लॉकर वाले ग्राहकों को सिर्फ एक विकल्प
वहीं लॉकर सुविधा लेने वाले ग्राहकों के पास केवल क्रमिक नामांकन का ही विकल्प होगा। यानी वो एक के बाद एक सिलसिलेवार तरीके से नॉमिनी बना पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से सरकार और आरबीआई बैंकों को स्थिर बनाए रखने के लिए बेहद सतर्क रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे बैंकों को सुरक्षित, स्थिर और स्वस्थ रखना है और 10 साल बाद आप इसका परिणाम देख रहे हैं। विधेयक में सहकारी बैंकों में निदेशकों (चेयरमैन एवं पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) के कार्यकाल को आठ साल से बढ़ाकर 10 साल करने का प्रस्ताव है। संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुरूप बनाने के लिए यह संशोधन किया गया है।
सरकारी बैंकों के विलय पर विचार नहीं
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार सरकारी बैंकों के विलय पर विचार नहीं कर रही है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। चौधरी ने कहा कि बैंक क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए सुधारों ने प्रणालीगत सुधार किए हैं और अत्यधिक दबाव की स्थिति फिर से उत्पन्न होने के जोखिम को कम करने के लिए जांच और नियंत्रण स्थापित किए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय पर विचार किये जाने के बारे में पूछे जाने पर, चौधरी ने कहा कि इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। सरकार ने अगस्त 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चार बड़े विलय की घोषणा की थी। इससे उनकी कुल संख्या वर्ष 2017 में 27 से घटकर 12 रह गई थी।