Explainer: कैसे सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू होने से बदल जाएगी टेलीकॉम सेक्टर की तस्वीर?


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भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस की शुरुआत अगले महीने यानी जनवरी से हो सकती है। इसके लिए दूरसंचार विभाग और TRAI ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है। मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने को लेकर हिंट भी दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू होने के बाद टेलीकॉम सेक्टर का भविष्य पूरी तरह से बदल जाएगा। 

मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो और सुनील भारती मित्तल की एयरटेल के अलावा एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेजन इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। ये चारों कंपनियां भारत में जल्द से जल्द सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं।

स्पेक्ट्रम आवंटन का इंतजार

TRAI ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन से लेकर अन्य पॉलिसी की समीक्षा 15 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। दूरसंचार नियामक इसके बाद स्पेक्ट्रम अलोकेशन को लेकर फैसला ले सकता है। स्पेक्ट्रम के आवंटन के बाद भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस की शुरुआत हो जाएगी।

हालांकि, स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ है। रिलायंस जियो और एयरटेल सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी की प्रक्रिया के साथ करने के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार सैटेलाइट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम का अलोकेशन एडमिनिस्ट्रेटिव तरीके से करना चाहती है। स्टारलिंक और अमेजन कुयिपर भी एडमिनिस्ट्रेटिव तरीके से स्पेक्ट्रम अलोकेशन के पक्ष में हैं।

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सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के फायदे

  • सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू होने के बाद उन इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचाया जा सकता है, जहां अभी तक मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचा है। इंटरनेट का पेनिट्रेशन 100 प्रतिशत होने के बाद सभी के लिए इंटरनेट का एक्सेस आसान हो जाएगा।
  • फिलहाल भारत में कई ऐसे इलाके हैं, जहां टैरेस्टियल मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचा है। उन इलाकों में मोबाइल टावर लगाने या फिर ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाने के लिए काफी ज्यादा खर्च आता है। इस वजह से टेलीकॉम कंपनियां वहां चाहकर भी नेटवर्क नहीं पहुंचा पाती है।
  • सैटेलाइट सर्विस शुरू हो जाने के बाद इंटरनेट एक्सेस करने के लिए न तो मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ेगा और न ही ऑप्टिकल फाइबर या लीज लाइन की जरूरत होगी। 
  • बस घर या ऑफिस की छत पर एक छतरी लगाकर सुपरफास्ट इंटरनेट एक्सेस किया जा सकता है। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस पहुंचाने वाली लीडिंग कंपनी स्टारलिंक फिलहाल 250 से लेकर 300mbps की स्पीड से इंटरनेट सेवा मुहैया करा रही है।
  • इंटरनेट सेवा से जुड़ने की वजह से लोगों से कम्युनिकेट करना आसान हो जाएगा। खास तौर पर उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के जंगल वाले इलाकों से लेकर जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में कनेक्टिविटी पहुंचाई जा सकेगी।

बदलेगा टेलीकॉम सेक्टर

इसके अलावा इमरजेंसी की स्थिति में सैटेलाइट कनेक्टिविटी लोगों की जान बचाने से लेकर मदद पहुंचाने में कारगर साबित हो सकता है। इस तरह से सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस आने वाले दिनों में टेलीकॉम सेक्टर के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकता है। यही वजह है कि सरकार सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने में और ज्यादा देरी नहीं करेगी।

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