महाराष्ट्र के कोल्हापुर में आज एनसीपीएसपी के प्रमुख शरद पवार ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी में इंडी गठबंधन का नेतृत्व करने की क्षमता है। उन्होंने जो रुख अपनाया है वह आक्रामक है। उन्होंने कई लोगों को खड़ा किया, उन्हें ऐसा कहने का पूरा अधिकार है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के बयान पर उन्होंने कहा कि हम आने वाले सभी चुनावों का मिलकर सामना करेंगे। हारने पर निराश नहीं होना चाहिए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय नेता अखिलेश और उनका कहना है कि उन्हें महाविकास अघाड़ी के साथ आगे जाना है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने अबू आजमी का बयान सुना है। बता दें कि कांग्रेस राहुल गांधी को विपक्ष का सबसे बड़ा नेता मानती है ऐसे में शरद पवार का यह बयान उसे नागवार गुजर सकता है। कांग्रेस किसी भी कीमत पर यह नहीं चाहेगी कि विपक्ष का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उसके नेता के अलावा किसी और के हाथ में जाए। ऐसे में शरद पवार के इस बयान से कांग्रेस को चोट लगना स्वाभाविक है।
इंडी गठबंधन की कमान संभालेंगी ममता बनर्जी?
बता दें कि हरियाणा, महाराष्ट्र में मिली हार के बाद से इंडी गठबंधन में खलबली मची हुई है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस के बुरे प्रदर्शन से विपक्षी खेमें में बयानों का दौर शुरू हो चुका है। इस बार गठबंधन के निशाने पर कांग्रेस है। इसी मामले पर टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने मोर्चा खेल दिया ह। उन्होंने इंडिया गठबंधन का नेतृ्त्व करने की इच्छा जाहिर कर कांग्रेस को चुनौती दी है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह बंगाल से ही इंडी गठबंधन की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं। बता दें कि ममता बनर्जी के इस बयान को इंडी गठबंधन से बाहर निकलने की योजना बताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि टीएमसी के नेतृत्व को कांग्रेस स्वीकार नहीं करेगी। ऐसे में इंडी गठबंधन से बाहर निकलने का रास्त टीएमसी के लिए साफ हो जाएगा।
अबू आजमी ने भी खोला मोर्चा
बता दें कि एक तरफ जहां इंडी गठबंधन में कांग्रेस के खिलाफ ममता बनर्जी ने मोर्चा खोल रखा है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के मुखिया अबू आजमी ने साफ कर दिया है कि वह अखिलेश यादव से इंडिया गठबंधन से बाहर निकलने की अपील करेंगे। यानी अब दो नेताओं ने इंडी गठबंधन में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अबू आजमी का कहना है कि हम महा विकास आघाड़ी से बाहर हो गये हैं। एमवीए में हमारा अपमान हुआ वह भी हमने सहा। लेकिन उद्धव ठाकरे चुनाव हारने के बाद अब हिंदुत्व का एजेंडा लेकर चल रहे हैं। छह दिसंबर बाबरी डिमोलिशन बरसी का जश्न मनाते हैं। हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम एमवीए में नहीं रह सकते। अखिलेश यादव भी मेरी बात से सहमत होंगे।