Rajat Sharma’s Blog | संसद में नोटों की गड्डी : जांच करो, पर नाम न लो


Rajat sharma, INDIA TV- India TV Hindi

Image Source : INDIA TV
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

पांच सौ रुपये के नोटों की एक गड्डी सियासत का बड़ा मुद्दा बन गई। नोटों की गड्डी पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस के नेताओं और बीजेपी के नेताओं के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। और आखिरकार सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई। अब इस बात की जांच हो रही है कि आखिर सदन में मिले पांच सौ के नोट असली हैं या नकली, अगर असली हैं, तो नोटों की ये गड्डी किसकी है, अगर ये नोट सदन में गलती से छूटे, तो कोई इसे क्लेम करने क्यों नहीं आया। सभापति जगदीप धनखड़ ने अब इन सारे सवालों के जबाव खोजने के लिए जांच बैठा दी है, लेकिन जब उन्होंने इसकी जानकारी सदन को दी, कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

कांग्रेस को सभापति की बात बुरी लगी। हुआ यूं कि सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पांच सौ के नोटों का बंडल सीट नंबर 222 पर मिला है और ये सीट कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के नाम पर आवंटित है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बयान पर आपत्ति जताई। कहा कि अगर सभापति ने जांच के आदेश दे दिए हैं तो फिर जांच पूरी होने से पहले किसी सदस्य का नाम लेने की क्या जरूरत है। अभिषेक मनु सिंघवी का नाम क्यों लिया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू  ने कहा कि सभापति ने सिर्फ उस सीट के बारे में बात की है जिस पर नोटों का बंडल मिला है, इसमें गलत क्या है, इस पर इतनी हायतौबा क्यों मचाई जा रही है।

सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि सदन में नोटों की गड्डी मिलना बेहद गंभीर मामला है। इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता, इसलिए इसकी जांच तो होनी ही चाहिए लेकिन विपक्ष जिस तरह से सदन में हंगामा कर रहा है, उससे शक पैदा होता है। कांग्रेस के तर्क को केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पकड़ लिया।  गोयल ने कहा कि अगर कांग्रेस तैयार हो तो ये नियम बना दिया जाए कि अगर किसी मामले में जांच चल रही है तो उस मामले में किसी का नाम नहीं लिया जा सकता। पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेता तो विदेशी अखवारों में छपी खबरों को उठाकर रोज सदन में हंगामा करते हैं,क्या वो सब ठीक है।

गोयल ने कहा कि अडानी के मामले में भी जांच चल रही है, फिर भी कांग्रेस दिन रात अडानी के नाम की माला जपती है। अगर जांच से पहले सिंघवी का नाम लेना गलत है तो जांच पूरी होने से पहले अडानी का नाम लेना ठीक कैसे हो सकता है। कांग्रेस का सवाल जायज़ है, जबतक जांच नहीं होती, किसी का नाम कैसे लिया जा सकता है। अभिषेक मनु सिंघवी कह रहे हैं कि नोटों का बंडल उनका नहीं है तो फिर उनका नाम क्यों लिया गया। जांच पूरी होने का इंतजार क्यों नहीं किया गया।

कांग्रेस की ये बात बीजेपी के नेताओं को बहुत पसंद आई। उन्होंने पूछा कि अगर बिना जांच के नाम नहीं लिया जाना चाहिए तो फिर राहुल गांधी रोज रोज अडानी का नाम लेकर हंगामा क्यों करते हैं। दूसरी बात, अडानी भी कहते हैं कि उनपर लगे आरोप फर्जी हैं। तो उनके मामले में कांग्रेस जांच पूरी होने का इंतजार क्यों नहीं करती। कांग्रेस अपने जाल में फंस गई। जब पीयूष गोयल ने सुझाव दिया कि इस बात पर सहमति बनाई जाए जबतक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी का नाम नहीं लिया जाए, तो कांग्रेस के नेता इस बात के लिए तैयार नहीं थे। अब सवाल ये है कि क्या कांग्रेस के नेताओं के लिए नियम अलग होने चाहिए। क्या कांग्रेस को बिना जांच के किसी पर भी आरोप लगाने का लाइसेंस है। आज कांग्रेस के नेताओं के लिए इसका जवाब देना मुश्किल हो गया। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 06 दिसंबर, 2024 का पूरा एपिसोड

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *