दमिश्क: सीरिया में पूर्व राष्ट्रपति बशर असद का शासन खात्म होने के बाद जिस जगह लोग सबसे पहले पहुंच रहे हैं, वह है सैदनया जेल। अपनों की तलाश में सीरिया के कोने-कोने से हजारों की संख्या में लोग इस खौफनाक जेल में पहुंच रहे हैं। यह जेल अपनी भयावहता के लिए बदनाम थी। इसे लंबे समय तक ‘कत्लगाह’ के रूप में जाना जाता था। दमिश्क के बाहर बनी इस जेल में लोग अपनों के निशान तलाशने के लिए उमड़ रहे हैं।
लोगों ने तोड़े भारी दरवाजे
सोमवार को जब लोग यहां पहुंचे तो उन्हें निराश हाथ लगी। लोगों ने गलियारों में लगे लोहे के भारी दरवाजे खोले और पाया कि अंदर की कोठरियां खाली थीं। हथौड़ों, फावड़ों और ड्रिल की मदद से लोगों ने फर्श और दीवारों में छेद कर दिए। वो उन चीजों की तलाश कर रहे थे जो उन्हें लगता था कि गुप्त कालकोठरी में छिपाई गई हैं। वो ऐसी आवाजों का पीछा कर रहे थे जो उन्हें लगता था कि उन्होंने जमीने के नीचे से सुनी हैं। हालांकि, उनके प्रयास असफल रहे और उन्हें कुछ भी नहीं मिला।
Syria Saydnaya Jail
लोग पहुंचे तो क्या मिला?
रविवार को जब दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा हुआ तो उन्होंने सैदनया सैन्य जेल से दर्जनों लोगों को रिहा कर दिया था। तब से अब तक किसी का पता नहीं चल पाया है। यहां पहुंची घादा असद की आंखों में आंसू थे। उन्होंने पूछा, ‘‘सारे लोग कहां हैं? सबके बच्चे कहां हैं। कहां हैं सभी लोग?’’ असद अपने भाई की तलाश में दमिश्क स्थित अपने घर से राजधानी के बाहरी इलाका स्थित जेल पहुंची थीं। उनके भाई को 2011 में हिरासत में लिया गया था जब पहली बार राष्ट्रपति के शासन के खिलाफ विद्रोह भड़का था, जिसके बाद विद्रोह ने गृह युद्ध का रूप ले लिया था। तलाशी में मदद कर रहे नागरिक सुरक्षा अधिकारी भी परिवारों की तरह ही इस बात को लेकर भ्रमित थे कि कोई और कैदी क्यों नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हाल के हफ्तों में यहां कम कैदी रखे गए हैं।
असद की खिलाफत करना पड़ता था भारी
असद के शासन के दौरान और खासतौर पर 2011 में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद राष्ट्रपति के प्रति असहमति का कोई भी संकेत व्यक्ति को सैदनया जेल पहुंचा सकता था। बहुत कम लोग ही जेल से बाहर आ सके। वर्ष 2017 में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ के अनुमान के अनुसार, उस समय ‘समाज के हर क्षेत्र से’ 10,000-20,000 लोगों को सैदनया जेल में रखा गया था।
Syria Saydnaya Jail
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रिहा किए गए कैदियों और जेल अधिकारियों की गवाही का हवाला देते हुए एमनेस्टी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान हजारों लोगों को सामूहिक फांसी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, कैदियों को लगातार यातना दी जाती, पीटा जाता, उनसे बलात्कार किया जाता। मानवाधिकार संगठन ने कहा कि तकरीबन हर दिन जेल के सुरक्षा गार्ड जेल कोठरियों से उन कैदियों के शवों को एकत्रित करते जिनकी यातना के कारण मौत हुई थी। (एपी)
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