बेंगलुरू पुलिस AI इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत के मामले में जांच करने के लिए उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंच चुकी है। जौनपुर में अतुल सुभाष की पत्नी निकिता रहती हैं। गुरुवार को जौनपुर कोतवाली पहुंचने के बाद बेंगलुरू पुलिस के अधिकारियों ने जौनपुर पुलिस के साथ चर्चा की। दोनों राज्यों की पुलिस ने मिलकर मामले पर आगे की रणनीति तैयार की। इसके बाद कागजी कार्रवाई पूरी की गई और पुलिसकर्मी कोतवाली से निकल गए।
बेंगलुरू पुलिस ने मामले में जांच करने के लिए चार सदस्यीय टीम भेजी है, जिसमें एक महिला पुलिसकर्मी भी है। बेंगलुरू पुलिस की टीम गुरुवार को रात आठ बजे जौनपुर पहुंची थी। यूपी या कर्नाटक दोनों राज्यों के पुलिसकर्मियों ने इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। शुक्रवार को पुलिस निकिता के घर जाएगी और पूछताछ करेगी। अगर निकिता के घर में कोई नहीं मिलता है तो नोटिस चस्पा किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अतुल सुभाष के परिवार ने सख्त कार्रवाई की मांग की
अतुल सुभाष के परिवार ने उनके लिए न्याय और उनका उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उसने वैवाहिक जीवन में लंबे समय से तनाव, उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों तथा उसकी पत्नी, उसके ससुराल वालों और उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश द्वारा प्रताड़ित किए जाने का विस्तृत विवरण दिया है। सुभाष के भाई विकास ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि मेरे भाई को न्याय मिले। मैं चाहता हूं कि इस देश में एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया हो जिसके जरिए पुरुषों को भी न्याय मिल सके। मैं उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता हूं जो विधिक पद पर बैठे हैं और भ्रष्टाचार कर रहे हैं, क्योंकि अगर यह जारी रहा तो लोग न्याय की उम्मीद कैसे कर पाएंगे।’’
सुभाष के चाचा का आरोप
सुभाष का शव सोमवार को मराठाहल्ली पुलिस थाना क्षेत्र के मंजूनाथ लेआउट इलाके में स्थित उनके घर में फंदे से लटका मिला था। सुभाष के चाचा पवन कुमार ने आरोप लगाया कि उनके भतीजे को रुपयों के लिए परेशान तथा प्रताड़ित किया जा रहा था और उसकी पत्नी तथा न्यायाधीश ने भी उसे अपमानित किया। उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। वह केस हार रहा था। उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। वे उससे लगातार रुपये मांग रहे थे। अपनी हैसियत के अनुसार वह बच्चे के भरण-पोषण के लिए रुपये दे रहा था।’’ शुरुआत में परिवार ने 40,000 रुपये प्रति माह की मांग की, बाद में इसे दोगुना कर दिया और फिर सुभाष से एक लाख रुपये देने को कहने लगे। कुमार ने आरोप लगाया कि सुभाष की पत्नी और उसके ससुराल वाले उनके भतीजे से बच्चे (सुभाष का चार वर्षीय बेटा) के भरण-पोषण के बहाने रुपये ऐंठ रहे थे। उन्होंने कहा कि इस उम्र के बच्चे को पालने के लिए कितने पैसे की आवश्यकता होगी भला? (इनपुट- एएनआई/पीटीआई)