बीजिंग: चीन की सेना ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य गतिविधियों को अंजाम दे रही है। भले ही चीन की सेना इस क्षेत्र में एक्टिव हो लेकिन उसने नौसैनिक और तटरक्षक जहाजों की तैनाती चुप्पी साध कर रखी है। चीन दो करोड़ 30 लाख लोगों की आबादी वाले स्वशासित ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और ताइवान के साथ अन्य देशों के औपचारिक संबंधों पर आपत्ति जताता है। इस बीच ताइवान के अधिकारियों ने कहा कि चीन जहाजों की तैनाती करके नाकेबंदी कर रहा है।
सेना खुद लेती है फैसला
चीन के रक्षा मंत्रालय ने अब तक इस गतिविधि पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। चीनी रक्षा मंत्रालय के शीर्ष प्रवक्ता वू कियान ने अपने बयान में युद्ध की रणनीति से जुड़े एक प्राचीन चीनी ग्रन्थ “द आर्ट ऑफ वॉर” के एक प्रख्यात उद्धरण का उल्लेख किया कि सैन्य रणनीति बदलती परिस्थितियों के अनुसार ऐसे ही ढलती है, जैसे बहता पानी। प्रवक्ता ने कहा कि सेना अपनी आवश्यकताओं और स्थिति के आधार पर अभ्यास करने का निर्णय लेती है।
क्या बोले ताइवान के अधिकारी
कियान ने यह भी कहा कि किसी भी स्थिति में देश की सेना ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध करने और चीन के साथ उसे दोबारा मिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। ताइवान के अधिकारियों ने चीन की गतिविधि को प्रशिक्षण बताया, क्योंकि चीन की ओर से इस बात की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि वह अभ्यास कर रहा था। अधिकारियों ने कहा कि वो प्रशिक्षण की निगरानी कर रहे हैं और इसे धमकी के रूप में देखते हैं।
बढ़ा है तनाव
गौरतलब है कि, ताइवान एक स्वशासित द्वीप है और चीन दावा करता है कि वह उसका क्षेत्र है। हाल के वर्षों में इस मुद्दे पर तनाव बढ़ा है। चीन ने ताइवान के आसपास के समुद्री और हवाई क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। वह ताइवान के पास सैन्य अभ्यास के लिए बड़ी संख्या में युद्धक विमान और नौसेना के जहाज भेज रहा है और उसके तट रक्षक गश्त लगाते रहते हैं। (एपी)
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