प्रतीकात्मक तस्वीर। AI/Freepik
हमारे देश का कानून पीड़ितों को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा दिलवाने के लिए बना है। लेकिन कुछ लोग कानून का गलत इस्तेमाल सिर्फ दूसरों को परेशान करने के लिए करते हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में देखने को मिला। जहां एक महिला ने अपने पति पर सिर्फ इसलिए मुकदमा दर्ज करवा दिया क्योंकि उसका पति बिल्ली की देखभाल कुछ ज्यादा करता था। महिला बेंगलुरु की रहने वाली बताई जा रही है।
क्या है महिला का आरोप
महिला का आरोप है कि उसका पति उससे ज्यादा अपनी बिल्ली से प्यार करता है और उसकी केयर करने से ज्यादा वह उस बिल्ली की देखभाल करता है। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि बिल्ली के प्रति उसके पति का प्यार इतना बढ़ गया है कि इस वजह से घर में कलह की स्थिति बन गई है। उस बिल्ली ने भी महिला पर हमला करते हुए कई बार उसे खरोंचा है। जिससे घर में तनाव और भी ज्यादा बढ़ते गया। महिला का यह भी कहना है कि उसका पति अपनी बिल्ली के सामने उसे अनदेखा करता है।
हाई कोर्ट ने मामले को बताया तुच्छ और जांच रोकने के दिए आदेश
महिला के आरोप पर पति के खिलाफ IPC की धारा 498A के तहत क्रूरता का मामला दर्ज किया गया था। मामला कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा। जहां सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पति और उसके परिवार के खिलाफ दर्ज IPC की धारा 498A के तहत दर्ज क्रूरता के मामले की जांच पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। मामले की सुनवाई में इस केस को “तुच्छ” और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया गया। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामले आपराधिक न्याय प्रणाली पर बोझ की तरह हैं और ऐसे मामले में यदि जांच आगे बढ़ती है, तो यह पहले से ही बोझिल प्रणाली में और इजाफा करेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने पति को अंतरिम संरक्षण भी प्रदान किया।
ये भी पढ़ें: