महाराष्ट्र सरकार के नए मंत्रियों के ढाई-ढाई साल के कार्यकाल पर विपक्ष ने तंज कसा है। विपक्ष ने मामले पर चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसे में ढाई साल में सिर्फ 80 मंत्री बनेंगे, मैं उनको नया फॉर्मूला देता हूं। हर साल मंत्री बदलो ऐसे में 5 साल में 200 मंत्री बन जाएंगे और सभी विधायकों की नाराजगी दूर हो जाएगी। बता दें कि बीते दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कैबिनेट का गठन किया गया। इस कैबिनेट में यह कोशिश कि गई कि हर घटक दल से प्रतिनिधि हो। फिर उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने साफ कर दिया कि विधायकों को प्रतिनिधित्व देने के लिए ढाई-ढाई साल के लिए मंत्री पद दिया गया है।
2.5 साल के बाद होगा ऑडिट
साथ ही मंत्रियों को बता दिया गया कि उनका परफॉर्मेंस ऑडिट किया जाएगा और ढाई साल के बाद दूसरों विधायकों को मंत्री पद की जगह दी जाएगी। इस पर मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रियों ने कहा परफॉर्मेंस ऑडिट होना ही चाहिए। पार्टी ने जवाबदारी दी है तो परफॉर्मेंस ऑडिट पार्टी को करना चाहिए। इसी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वडेट्टीवार ने तंज कसा है।
कांग्रेस नेता ने कसा तंज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने तंज कसते हुए कहा कि ढाई साल के लिहाज से मंत्री पद दिए गए हैं। ऐसे में ढाई साल में सिर्फ 80 मंत्री बनेंगे। मैं उनको नया फार्मूला दे रहा है, 5 साल मंत्री बनवाओ, हर साल मंत्री बदलो, हर साल 40 मंत्री बनेंगे ऐसे 5 साल में 200 मंत्री बन जाएंगे। सभी विधायकों की नाराजगी दूर हो जाएगी।
एक और विधायक ने कसा तंज
कांग्रेस के विधायक नितिन राउत ने कहा कि पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो रहा, यह मजाक हो रहा है। जिस ढंग से सरकार बन रही है समय लग रहा है, शपथ विधि को मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है। विस्तार में ढाई साल की बात की जा रही है। सरकार में सत्ता आने के बाद उनमें उत्साह नहीं दिख रहा है, गड़बड़ जरूर है।
मंत्रियों ने कहा यह तो अच्छी बात है
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि पार्टी जैसा आदेश देगी वैसा काम करेंगे, अच्छा काम होना चाहिए, इसलिए परफॉर्मेंस ऑडिट होना चाहिए ,लोगों ने जो मेडेड दिया है इसलिए विधायक और मंत्रियों को अच्छा काम करना चाहिए। सरकार के एक और मंत्री जयकुमार गोरे ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है वह ईमानदारी से करेंगे, पार्टी जिम्मेदारी नहीं भी देगी तो विधायक बनकर महाराष्ट्र की जनता के लिए काम करते रहेंगे, परफॉर्मेंस के आधार पर ऑडिट होना ही चाहिए, जिम्मेदारी तो बनती ही है। पार्टी एनालिसिस तो करेगी ही, जिनको जिम्मेदारी दी गई है उनको तो काम तो करना ही पड़ेगा।