केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस को किया संबोधित, बोले कांग्रेस आंबेडकर और सावरकर विरोधी है, मैं नहीं


Union Home Minister Amit Shah addressed the press and talked about these issues

Image Source : YOUTUBE/BJP
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह प्रेस को कर रहे संबोधित

राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भाषण के बाद से विपक्ष लगातार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर अमित शाह से माफी की मांग कर रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय गृहमंत्री से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में की गई टिप्पणी को लेकर कहा कि देश संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि गृहमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। राहुल गांधी ने संसद परिसर में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को भी साझा किया। इस मामले में अब सभी विपक्षी पार्टियां कूद पड़ी हैं और अमित शाह से माफी की मांग कर रही है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह प्रेस को संबोधित कर रहे हैं। 

कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर किया पेश

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि संसद में पक्ष और विपक्ष का नजरिया अलग-अलग होता है। संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। कल से कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़ मरोड़कर रखने का प्रयास किया वह अत्यंत निंदनीय है और मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह क्यों हुआ क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान के रचनाओं को मूल्यों पर और जब जब भारतीय जनता पार्टी का शासन रहा, इसपर फैक्ट के साथ भाजपा के वक्ताओं ने जनता के सामने उदाहरणों के साथ विषय रखा।

कांग्रेस ने आंबेडकर और सावरकर का अपमान किया

उन्होंने आगे कहा कि इसके आधार पर तय हुआ कि संविधान विरोधी पार्टी, बाबा साहेब आंबेडकर की विरोधी पार्टी है कांग्रेस, कांग्रेस ने वीर सावरकर का अपमान किया, न्यायपालिका का अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि को तोड़कर विदेशी देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस पार्टी ने की। जब यह पूरा सत्य उजागर हुआ तो कांग्रेस पार्टी ने फिर से अपनी बातों को तोड़ मरोड़कर समाज में फैलाने का प्रयास किया। संसद में जब चर्चा हो रही थी तो यह सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया। बाबा साहेब के न रहते हुए भी कांग्रेस ने बाबा साहेब  को हासिये पर ढकेलने का प्रयास किया। संविधान सभा अपना काम कर चुकी थी। इसके बाद जब चुनाव हुआ तो दोनों बार कांग्रेस ने बाबा साहेब को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बाबा साहेब की हार को कांग्रेस ने सुनिश्चित किया

अमित शाह ने आगे कहा कि विशेष प्रयास कर बाबा साहेब की हार को कांग्रेस ने सुनिश्चित किया। कांग्रेस नेताओं ने खुद को ही भारत रत्न दिया है। 55 में नेहरू औऱ 75 में इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दे दिया। 1990 में बाबा साहेब  को भारत रत्न तब मिला जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भाजपा गठबंधन की सरकार थी। बाबा साहेब  की 100वीं जयंती को भी मनाने की इन्होंने मनाही कर दी। बाबा साहेब के प्रति नेहरू जी की नफरत जगजाहिर थी। उन्होंने आगे कहा कि गांधी परिवार के कई सारे लाखों स्मारक बनाने वाले परिवार के मुखिया नेहरू कहते हैं कि स्मारक मुजीब पहल पर बनानी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि अंबेडकर की 370 के खिलाफ थे। जब तक कांग्रेस सत्ता में रही तब तक बाबा साहेब  का स्मारक कांग्रेस ने नहीं बनने दिया। भाजपा सरकार ने बाबा साहेब से संबंधित स्थानों का विकास किया। 

भाजपा बाबा साहेब का अपमान नहीं करती

अमित शाह ने संबोधित करते हुए आगे कहा कि 19 नवंबर 2015 को नरेंद्र मोदी ने आंबेडकर जी के सम्मान में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया। 2018 में पीएम मोदी ने महापरिनिर्वाण स्थल पर डॉ. आंबेडकर स्मारक स्थल का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया। कांग्रेस ने सार्वजनिक जीवन में जो पद्धति की, बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करना और भ्रांति खड़ी करना। चुनाव जब चल रहा था मेरे बयान को एआई का उपयोग कर एडिट किया गया और पूरे देश में प्रसारित करने का काम किया गया। आज आंबेडकर जी के लिए मेरे बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखा जाए। मैं उस पार्टी से आता हूं जो कभी भी बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकती है।

अमित शाह बोले- हमने आंबेडकर के सिद्धांतों का प्रचार किया

उन्होंने कहा कि जब जब भाजपा शासन में रही, बाबा साहेब  के सिद्धांतों का हमने प्रचार किया है और आरक्षण को और मजबूत करने का काम भाजपा ने किया है। कांग्रेस ने जिस प्रकार आरक्षण का विरोध किया वो सब भी हम जानते हैं। 31 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, 1980 में इंदिरा जी ने मंडल आयोग को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 1990 में जब गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल आयोग की रिपोर्ट को सामने लाया गया। जब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई तब राजीव गांधी ने ओबीसी आरक्षण का विरोध करने के लिए अपने जीवनकाल का सबसे लंबा भाषण दिया। मेरी पूरी बात स्पष्टता के साथ राज्यसभा के रिकॉर्ड में मौजूद है। 

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