‘अडानी से समझौता रद्द करें रेवंत रेड्डी’, बीआरएस विधायकों ने किया विरोध, की ये मांग


BRS MLAs hold protest against the state government at Telangana Legislative Assembly over Adani issu

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बीआरएस विधायकों का किया विरोध प्रदर्शन

अडानी के मुद्दे पर बीआरएस विधायकों ने तेलंगाना विधानसभा में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसे लेकर बीआरएस विधायक डॉ. पल्ला राजेश्वर रेड्डी ने कहा, “रेवंत रेड्डी ने दावोस में अडानी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने हैदराबाद और दिल्ली में चर्चा की थी। वे 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के उद्योगों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अडानी जनता की इच्छा के विरुद्ध, नलगोंडा जिले में सीमेंट फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन भी खरीद रहे हैं। अगर आप राहुल गांधी का सम्मान करते हैं, तो दावोस में हुए समझौता ज्ञापन को रद्द करें।”

बीआरएस विधायक ने रेवंत रेड्डी पर साधा निशाना

बीआरएस विधायक ने आगे कहा कि आज तेलंगाना कांग्रेस पार्टी द्वारा राजभवन के आगे धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस धरना प्रदर्शन में शामिल हुए लेकिन उन्होंने अडानी खिलाफ एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने कहा कि अडानी और रेवंत रेड्डी के बीच डावोस में एमओयू पर हस्थाक्षर हुआ है। अगर आप जो कहते हैं वो सब सही हैं और अगर आप राहुल गांधी का सम्मान करते हैं तो अडानी के साथ किए गए समझौते को रद्द करें। आपने आज भी अडानी के खिलाफ कुछ नहीं कहा।   ये सब रेवंत रेड्डी का दोहरा चरित्र है। 

राजभवन के बाहर धरना

बता दें कि आज रेवंत रेड्डी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों एवं सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने अदाणी मुद्दे के विरोध में तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा नहीं करने के खिलाफ बुधवार को यहां ‘चलो राजभवन’ प्रदर्शन में भाग लिया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया था। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति (टीपीसीसी) के अध्यक्ष बी.महेश कुमार गौड़ भी ‘चलो राजभवन’ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। हैदराबाद में हुसैन सागर झील के पास इंदिरा गांधी की प्रतिमा से शुरू हुई रैली राजभवन तक पहुंची। रैली में शामिल मंत्रियों और नेताओं ने दावा किया कि अमेरिका में उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ लगाए गए आरोपों से देश की छवि प्रभावित हुई है और मणिपुर में हिंसा के बावजूद प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया। 

(इनपुट-भाषा)





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