किसानों की आर्थिक सहायता सहित कृषि सहायता की तमाम स्कीम्स हैं। इनमें से एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भी है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का इस्तेमाल मिट्टी के स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति का आकलन करने के लिए किया जाता है। साथ ही समय के साथ इस्तेमाल किए जाने पर, भूमि प्रबंधन द्वारा प्रभावित मिट्टी के स्वास्थ्य में होने वाले बदलाओं को तय करने के लिए किया जाता है। कार्ड में मृदा स्वास्थ्य संकेतक सूचीबद्ध हैं जिनका मूल्यांकन तकनीकी या प्रयोगशाला उपकरणों की सहायता के बिना किया जा सकता है। किसानों को इस कार्ड के कई तरह से फायदे मिलते हैं।
किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता और प्रकार के बारे में पता नहीं
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी योजना है। भारत में बहुत से किसान ऐसे हैं जिन्हें नहीं पता कि उन्हें अधिकतम उपज हासिल करने के लिए किस प्रकार की फसल उगानी चाहिए। मूल रूप से, उन्हें अपनी मिट्टी की गुणवत्ता और प्रकार के बारे में पता नहीं है। वे अनुभव से यह जानते हैं कि कौन सी फसलें उगती हैं और कौन सी फसलें खराब होती हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते कि वे मिट्टी की स्थिति को सुधारने के लिए क्या कर सकते हैं।
जानें क्या मिलते हैं फायदे
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों की मिट्टी की अच्छी तरह से निगरानी की जाती है और उन्हें एक प्रारूपित रिपोर्ट दी जाती है। इससे वे यह तय कर सकेंगे कि उन्हें कौन सी फसल उगानी चाहिए और कौन सी नहीं।
- अधिकारी नियमित आधार पर मिट्टी की निगरानी करते हैं। हर तीन साल में एक बार वे किसानों को रिपोर्ट देते हैं। इस वजह से अगर कुछ कारकों के कारण मिट्टी की प्रकृति बदल जाती है, तो किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। साथ ही, उनके पास हमेशा अपनी मिट्टी के बारे में अपडेट डेटा रहेगा।
- सरकार का काम मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए जरूरी उपायों की सूची बनाने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि, वे सुधारात्मक उपाय करने में किसानों की मदद करने के लिए विशेषज्ञों की भी नियुक्ति करते हैं।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से किसानों को मृदा स्वास्थ्य का उचित रिकॉर्ड मिलता है। वह मृदा प्रबंधन प्रथाओं का अध्ययन कर सकते हैं। इससे वे अपनी फसलों और भूमि के भविष्य की योजना बना सकते हैं।
- आम तौर पर सरकारी योजनाओं में किसी किसान के लिए मिट्टी की जांच करने वाला व्यक्ति बदल जाता है। लेकिन मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में सरकार का ध्यान है कि किसान के लिए मिट्टी की जांच एक ही व्यक्ति करे। इससे योजना की प्रभावशीलता और बढ़ेगी।
- मृदा कार्ड से किसानों को यह पता चल जाता है कि उनकी मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है। और इसलिए उन्हें कौन सी फसल लगानी चाहिए। उन्हें यह भी पता चल जाएगा कि उन्हें किस उर्वरक की जरूरत है। इससे आखिर फसल की पैदावार में ग्रोथ होगी।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का मुख्य मकसद यह पता लगाना है कि किस तरह की मिट्टी है। और फिर हम उसे बेहतर बनाने के तरीके बता सकते हैं। अगर मिट्टी में कुछ लिमिट भी हैं, तो हम उससे ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए कुछ कर सकते हैं।