3 साल में अमीरों की संख्या हो जाएगी दोगुनी, जानिए कहां से होती है इनकम और कहां करते हैं खर्च


भारत में अमीरों की...

Photo:FILE भारत में अमीरों की संख्या

देश में अमीरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एनारॉक ग्रुप की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, देश में HNI यानी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स की संख्या इस समय 8.5 लाख से अधिक है। साल 2027 तक इनके दोगुने यानी 16.5 लाख हो जाने का अनुमान है। खास बात यह है कि इनमें से 20 फीसदी करोड़पति 40 साल से कम उम्र के हैं। 5 करोड़ से अधिक लिक्विड एसेट्स वाले लोग आमतौर पर एचएनआई कहलाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स यानी UHNI बीते साल की तुलना में 6 फीसदी बढ़कर इस साल 13,600 हो गए हैं। इन लोगों की संख्या साल 2028 तक 50% बढ़ जाएगी।

चीन की तुलना में 3-गुना रफ्तार से बढ़ रहे UHNI

भारत में यूएचएनआई लोगों की संख्या में ग्रोथ पड़ोसी देश चीन से काफी अधिक है। चीन में यूएचएनआई ग्रोथ रेट 2% सालाना है। यूएचएआई के मामले में भारत दुनिया में छठे स्थान पर है और एशिया में तीसरे स्थान पर है। एशिया में हमसे आगे चीन और जापान हैं। भारत में युवा एंटरप्रेन्योर्स, टेक एक्सपर्ट्स और अनुभवी उद्योगपतियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

कहां से होती है सबसे ज्यादा कमाई?

एनारॉक के अनुसार, भारत में कई सेक्टर्स में तेजी से वेल्थ क्रिएशन हो रहा है। टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स से नई पीढ़ी के सबसे ज्यादा करोड़पति निकल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 30 फीसदी एचएनआई को टेक्नोलॉजी, फिनटेक और स्टार्टअप के जरिए सबसे ज्यादा कमाई हो रही है। 21 फीसदी यूएचएनआई मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से हैं। मेक इन इंडिया से इन्हें काफी फायदा हो रहा है। 15 फीसदी अमीर लग्जरी और कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े हैं। बढ़ते शहरीकरण का फायदा इन्हें मिल रहा है। वहीं, 18% कमाई शेयर मार्केट से हो रही है।

लग्जरी घरों और कारों पर खूब खर्च कर रहे अमीर

रिपोर्ट के अनुसार, 37 फीसदी भारतीय अमीरों ने इस साल लैम्बोर्गिनी, पोर्शे और रोल्स रॉयस जैसी कारें खरीदी हैं। अधिकतर अमीर देश-विदेश में लग्जरी प्रॉपर्टी खरीदते हैं। इस साल देश में लग्जरी मकानों की बिक्री 28% बढ़ी है। भारत के 14 फीसदी यूएचएनआई के पास लंदन, सिंगापुर और दुबई जैसे देशों में प्रॉपर्टी है। विदेशी प्रॉपर्टी में ये लोग औसतन 12 करोड़ रुपये इन्वेस्ट कर रहे हैं। भारतीय अमीरों ने अपनी 32 फीसदी संपत्ति रियल एस्टेट में इन्वेस्ट कर रखी है। 20 फीसदी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट इक्विटी, एआई, ब्लॉकचेन में है। 25% यूएचएनआई विदेशों में रहते हैं। 40% यूएचएनआई ने फैमिली ऑफिस बनाए हुए हैं।

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