सोना एक बहुमूल्य धातु है जो परंपरागत निवेश के लिए सबसे सुरक्षित और डिमांडिंग है। सोना एक अत्यधिक तरल किन्तु दुर्लभ परिसंपत्ति है, जो किसी की देनदारी नहीं है। इसमें निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जरूरत पड़ने पर इसे आप तुरंत लिक्विड में (यानी कैश पैसे) बदल सकते हैं। सोने की देश और दुनिया में एक अलग ही वैल्यू है। सोने के बारे में कुछ चीजें ऐसी हैं जिसकी जानकारी कम ही लोगों को है। अगर आप भी सोने को लेकर कुछ रोचक जानकाकरियां जानना चाहते हैं तो आइए इस पर चर्चा कर लेते हैं।
सोने का मुद्रा के तौर पर पहली बार इस्तेमाल
एक जमाने में मुद्रा के तौर पर सोना चलन में था। सोने का पहली बार इस्तेमाल मुद्रा के रूप में लिडिया साम्राज्य द्वारा 700 ईसा पूर्व के आसपास किया गया था। कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक, 200,000 टन से अधिक का खनन किया गया है, जिसमें से अधिकांश 1849 के कैलिफोर्निया गोल्ड रश के दौरान पाए गए थे। सोने ने 1971 तक वैश्विक मौद्रिक प्रणाली का समर्थन किया।
स्टॉक बनाम सोना
ऐतिहासिक रूप से यह देखा गया है कि जब शेयर बाजार सबसे अधिक निराशावादी होता है, तो सोना बहुत अच्छा प्रदर्शन करता है। यह सोने की कीमत बनाम शेयर बाजार का सहसंबंध सभी विश्व अर्थव्यवस्थाओं के लिए मान्य है।
दुनिया में सारा सोना कहां है?
दुनिया के कुल सोने में 45 प्रतिशत हिस्सा आभूषण के रूप में है, जबकि बार और सिक्के के तौर पर 22 प्रतिशत हिस्सा है। दुनिया के केंद्रीय बैंकों में दुनिया का 17 प्रतिशत सोना रखा है। इसके अलावा, तकनीकी और अन्य रूप में 15 प्रतिशत हिस्सा है।
पिछले कुछ वर्षों में सोना कहां से कहां पहुंचा
भारत में 24 कैरेट सोने की 1964 में कीमत ₹63.25 प्रति 10 ग्राम थी। आज यह 80,575 प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचा है। यह चौंका देने वाला है।
भारत में सोने में कैसे निवेश करें?
आप फिजिकल तौर पर सोने में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, डिजिटल सोने (24 कैरेट सोने द्वारा सपोर्टेड) के तौर पर खरीदारी कर सकते हैं। साथ ही गोल्ड सॉवरेन बॉन्ड के तौर पर खरीद सकते हैं। इसे आरबीआई द्वारा वार्षिक ब्याज के साथ जारी किया जाता है। इसके अलावा, गोल्ड म्यूचुअल फंड के रूप में इसकी खरीदारी कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में इक्विटी की तरह कारोबार किया जाता है।
क्यों सोना होता चला जाता है महंगा
सोने की कीमत में लगातार बढ़ोतरी के पीछे वैश्विक मांग, वैश्विक बाजार की स्थिति, भू-राजनीतिक परिदृश्य, सरकारी नीतियां अपनी मु्ख्य भूमिका निभाती हैं। इसके अलावा, धनतेरस और शादियों जैसे त्यौहारों के दौरान मांग में वृद्धि से सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।
सोने में है ये बात
सोने ने बिना किसी क्रेडिट जोखिम वाली एक तरल परिसंपत्ति जिसने बेहतर प्रदर्शन किया है। यह दीर्घकालिक लाभ का स्रोत है। एक विविधीकरणकर्ता जो बाजार के तनाव के समय नुकसान को कम कर सकता है।