Mahakumbh 2025: महाकुंभ में होने वाले हैं शामिल? हनुमान जी के इस मंदिर में जाना न भूलें, अधूरी रह जाएगी यात्रा


हनुमान मंदिर प्रयाकराज

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हनुमान मंदिर प्रयाकराज

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है। साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का मेला लगेगा, जिसमें करोड़ों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। माना जाता है कि, महाकुंभ के दौरान ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा संयोजन होता है कि, त्रिवेणी का पानी अमृत बन जाता है। इसलिए महाकुंभ में स्नान करना बेहद शुभ माना गया है। महाकुंभ के दौरान पवित्र डुबकी लगाने के साथ ही आपको हनुमान जी के एक मंदिर का दर्शन भी अवश्य करना चाहिए। आज हम आपको इसी मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं। माना जाता है कि, महाकुंभ नहाने वाले की धार्मिक यात्रा तभी पूरी होती है, जब वो हनुमान जी के इस मंदिर के दर्शन करता है।

महाकुंभ 2025

साल 2025 में महाकुंभ का मेला 14 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक रहेगा। इस दौरान पवित्र स्नान के लिए कई दिन होंगे। अगर आप भी इस महाकुंभ में हिस्सा लेने वाले हैं तो आपको गंगा नदी के किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर जरूर जाना चाहिए। लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन करने के बाद ही आपकी धार्मिक यात्रा पूरी होती है। इस मंदिर में लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा 20 फीट लंबी है। 

लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर 

माना जाता है कि, लेटे हुए हनु्मान जी को गंगा माता स्वयं स्नान कराती हैं। इसलिए महाकुंभ के दौरान इनके दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है। हनुमान जी का यह मंदिर सिद्ध मंदिरों में से एक है। संगम में डुबकी लगाने के बाद जब आप हनुमान जी के दर्शन कर लेते हैं तभी आपकी यात्रा सफल मानी जाती है। इस मंदिर को बेहद चमत्कारी माना गया है।

अगर कोई भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ हनुमान जी के इस मंदिर में मुराद मांगता है तो उसकी मनोकामनाओं को बजरंगबली अवश्य पूरा करते हैं।  इसके साथ ही माना जाता है कि, जो भी भक्त श्रद्धा के साथ हनुमान जी की आंखों में देखता है, उसके बड़े से बड़ा कष्ट में संकटमोचन क्षण भर में दूर कर देते हैं। महाकुंभ के दौरान भी यहां भक्तों का तांता लगता है। अगर आप भी साल 2025 में कुंभ में शामिल होने वाले हैं, तो इस मंदिर के दर्शन भी आपको अवश्य करने चाहिए। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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