Mutual Fund निवेशकों को कम ब्याज पर आसानी से मिल जाता है Loan, फटाफट खाते में आ जाते हैं पैसे- डिटेल्स


loan, instant loan, loan on mutual funds, loan against mutual funds, mutual funds

Photo:INDIA TV/FREEPIK म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला इंस्टैंट लोन क्या है

Mutual Fund Instant Loan: लॉन्ग टर्म में बड़ा कॉर्पस बनाने के लिए म्यूचुअल फंड को एक प्रभावशाली इंवेस्टमेंट टूल माना जाता है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं। इसमें आपको शेयर बाजार का आकर्षक रिटर्न तो मिलता है लेकिन इसमें स्टॉक मार्केट जैसी ,सिरदर्दी नहीं है। म्यूचुअल फंड सिर्फ एक बेहतरीन इंवेस्टमेंट टूल ही नहीं, बल्कि मुसीबत में पैसों की जरूरत पड़ने पर इंस्टैंट लोन दिलाने में भी मदद करता है। आज हम यहां म्यूचुअल फंड के जरिए मिलने वाले इंस्टैंट लोन के बारे में कुछ जरूरी बातें जानेंगे।

म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला इंस्टैंट लोन क्या है

म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला इंस्टैंट लोन, अपने म्यूचुअल फंड यूनिट को कोलैटरल के तौर पर देकर तत्काल लोन लेने का एक तरीका है। इस तरह के इंस्टैंट लोन NBFCs के साथ-साथ कई बैंक भी ऑफर करते हैं। इस तरह के लोन में मिलने वाली राशि आपके म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो की मौजूदा वैल्यू पर डिपेंड करती है। अगर आपके पास इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड यूनिट्स हैं तो आपको तुलनात्मक रूप से लोन के रूप में कम पैसे मिलेंगे। लेकिन आपके पास अगर डेट बेस्ड म्यूचुअल फंड यूनिट्स हैं तो आपको ज्यादा लोन मिल सकता है। आइए अब म्यूचुअल फंड पर मिलने वाले इंस्टैंट लोन के कुछ बड़े फायदे और नुकसान के बारे में भी जान लेते हैं।

फायदे

म्यूचुअल फंड यूनिट्स पर मिलने वाला इंस्टैंट लोन काफी तेजी से प्रोसेस किया जाता है। इसमें ज्यादा पेपर वर्क नहीं होता और आपके पोर्टफोलियो की मौजूदा वैल्यू को देखते हुए इसे जल्दी अप्रूवल मिल जाता है और जल्द ही आपको लोन का अमाउंट भी मिल जाता है। लोन के लिए आपने अपनी जो म्यूचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखा होता है, उसका मालिकाना हक आपके पास ही रहता है और उस पर मिलने वाला डिविडेंड और ब्याज भी आपको ही मिलता है। इसमें आप अपनी सुविधा अनुसार लोन का पैसा लौटाने के लिए समय मांग सकते हैं। इस तरह के लोन में आपको पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज चुकाना पड़ता है।

नुकसान

म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो की वैल्यू पूरी तरह से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है। अगर बाजार में लंबे समय तक गिरावट चलती है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है, लोन टू वैल्यू रेशो पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा, डिफॉल्ट के मामले में लोन की वसूली के लिए बैंक आपके द्वारा गिरवी रखे गए म्यूचुअल फंड यूनिट्स को लिक्विडेट कर सकता है।

Latest Business News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *