तुकबंदी में माहिर, शौक भी खूब, कर चुकी हैं ये नौकरियां; ममता बनर्जी के बारे में नहीं जानते होंगे ये बातें


  • तुकबंदी में माहिर, शौक भी खूब, कर चुकी हैं ये नौकरियां; ममता बनर्जी के बारे में नहीं जानते होंगे ये बातें

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    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी का आज 5 जनवरी को जन्मदिन है। वो आज अपना 69वां जन्मदिन मना रही हैं। साल 1955 में कोलकाता में उनका जन्म हुआ था। ममता बनर्जी लगातार तीन बार से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। वह बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस पार्टी से अपने सियासी सफर की शुरुआत करने वाली ममता बनर्जी ने आगे चलकर अपनी खुद की पार्टी बनाई और वो कर दिखाया जो इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया।

    34 साल से बंगाल की सत्ता पर काबिज लेफ्ट को उन्होंने 2011 में उखाड़ फेंका और तब से वो राज्य की मुख्यमंत्री हैं। सियासतदान से लेकर आम लोगों के बीच ममता बनर्जी ‘दीदी’ के नाम से मशहूर हैं। वहीं, हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्रियों की सूची में ममता बनर्जी का नाम एक बार फिर शीर्ष पर है। ममता बनर्जी की छवि एक मजबूत राजनेता की है। उनसे जुड़ी ऐसी कई दिलचस्प बातें हैं जो उनकी पर्सनैलिटी को खास बनाती है। उनसे जुड़ी ऐसी ही कुछ रोचक बातें हम यहां जानेंगे।

  • ममता बनर्जी अपनी आधिकारिक उम्र से 5 साल छोटी हैं। इसका खुलासा उन्होंने खुद किया था। उन्होंने बताया था कि 15 साल से भी कम उम्र में उन्होंने अपने स्कूल की अंतिम परीक्षा दी थी, लेकिन कम उम्र के होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनके पिता ने काल्पनिक तारीख जोड़कर असल उम्र से पांच साल अधिक डलवा दिया। उन्होंने बताया था कि वो 5 अक्टूबर को जन्मी थीं। वह बताती हैं कि मां ने एक बार उन्हें उस तारीख के साथ एक राशिफल दिया था, जिसमें इसका जिक्र था। उन्होंने बताया था कि इस तरह पूरी दुनिया के लिए गलत जन्मतिथि वाला उनका स्कूल सर्टिफिकेट कानूनी रूप से वैध दस्तावेज बन गया। उन्होंने बताया कि जब एक बार उन्होंने अपनी मां से अपनी आधिकारिक जन्म तिथि में गलती को लेकर पूछा तो उन्होंने जवाब दिया था,

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    ममता बनर्जी अपनी आधिकारिक उम्र से 5 साल छोटी हैं। इसका खुलासा उन्होंने खुद किया था। उन्होंने बताया था कि 15 साल से भी कम उम्र में उन्होंने अपने स्कूल की अंतिम परीक्षा दी थी, लेकिन कम उम्र के होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनके पिता ने काल्पनिक तारीख जोड़कर असल उम्र से पांच साल अधिक डलवा दिया। उन्होंने बताया था कि वो 5 अक्टूबर को जन्मी थीं। वह बताती हैं कि मां ने एक बार उन्हें उस तारीख के साथ एक राशिफल दिया था, जिसमें इसका जिक्र था। उन्होंने बताया था कि इस तरह पूरी दुनिया के लिए गलत जन्मतिथि वाला उनका स्कूल सर्टिफिकेट कानूनी रूप से वैध दस्तावेज बन गया। उन्होंने बताया कि जब एक बार उन्होंने अपनी मां से अपनी आधिकारिक जन्म तिथि में गलती को लेकर पूछा तो उन्होंने जवाब दिया था, “बेटा हम शहर के लोग नहीं हैं। न तो तुम और न ही तुम्हारे बड़े भाई का जन्म अस्पताल में हुआ। मुझे जन्म प्रमाण पत्र कहां से मिलता?”

  • ममता बनर्जी ऑयली और मसालेदार खाना के अलावा आचार खाने से भी परहेज करती हैं। उनके सामान्य आहार में मुरमुरे, चाय और चॉकलेट शामिल है। हालांकि, कभी-कभार वो आलूर चॉप नाम के गहरे तले हुए आलू के पकौड़े खाती हैं।

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    ममता बनर्जी ऑयली और मसालेदार खाना के अलावा आचार खाने से भी परहेज करती हैं। उनके सामान्य आहार में मुरमुरे, चाय और चॉकलेट शामिल है। हालांकि, कभी-कभार वो आलूर चॉप नाम के गहरे तले हुए आलू के पकौड़े खाती हैं।

  • ममता बनर्जी फिट रहने के लिए रोज ट्रेडमिल पर 5-6 KM चलती हैं। वह अपने सहयोगियों के साथ सैर करती हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वह बहुत तेज रफ्तार में चलती हैं। कई बार उनके साथ चलने वालों को दौड़ना पड़ता है।

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    ममता बनर्जी फिट रहने के लिए रोज ट्रेडमिल पर 5-6 KM चलती हैं। वह अपने सहयोगियों के साथ सैर करती हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वह बहुत तेज रफ्तार में चलती हैं। कई बार उनके साथ चलने वालों को दौड़ना पड़ता है।

  • सियासत में कदम रखने से पहले ममता बनर्जी ने स्टेनोग्राफर की नौकरी की। इसके अलावा वह प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, एक निजी ट्यूटर और यहां तक कि एक सेल्सगर्ल का काम भी कर चुकी हैं।

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    सियासत में कदम रखने से पहले ममता बनर्जी ने स्टेनोग्राफर की नौकरी की। इसके अलावा वह प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, एक निजी ट्यूटर और यहां तक कि एक सेल्सगर्ल का काम भी कर चुकी हैं।

  • ममता बनर्जी तुकबंदी में भी माहिर हैं। उनके बयानों में कई बार इसकी झलक दिख जाती है। अटैकर तो वो है ही, साथ ही व्यंग से भरी उनकी लाइनें विरोधियों पर भारी पड़ता है।

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    ममता बनर्जी तुकबंदी में भी माहिर हैं। उनके बयानों में कई बार इसकी झलक दिख जाती है। अटैकर तो वो है ही, साथ ही व्यंग से भरी उनकी लाइनें विरोधियों पर भारी पड़ता है।

  • ममता बनर्जी को प्रकृति से प्यार है। उन्हें नेचर फोटोग्राफी भी बहुत पसंद है। उन्हें संगीत पसंद है। उन्हें पेंटिंग करने का और कविताएं लिखने का भी शौक है। वह कई पेटिंग्स बेच चुकी हैं और कई किताबें लिख चुकी हैं। पेटिंग्स की बिक्री से मिले रुपये को वह पार्टी फंड में दान करती हैं।

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    ममता बनर्जी को प्रकृति से प्यार है। उन्हें नेचर फोटोग्राफी भी बहुत पसंद है। उन्हें संगीत पसंद है। उन्हें पेंटिंग करने का और कविताएं लिखने का भी शौक है। वह कई पेटिंग्स बेच चुकी हैं और कई किताबें लिख चुकी हैं। पेटिंग्स की बिक्री से मिले रुपये को वह पार्टी फंड में दान करती हैं।

  •  ममता बनर्जी को बंगाली लोक कला बहुत पसंद है। जब वह राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में जाती हैं तो स्थानीय हस्तशिल्प खरीदती हैं। वह लोक कलाकारों को भुगतान करने के लिए अपने साथ रुपयों का थैला लेकर चलती हैं।

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    ममता बनर्जी को बंगाली लोक कला बहुत पसंद है। जब वह राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में जाती हैं तो स्थानीय हस्तशिल्प खरीदती हैं। वह लोक कलाकारों को भुगतान करने के लिए अपने साथ रुपयों का थैला लेकर चलती हैं।

  • इसके अलावा ममता बनर्जी तकनीक की भी जानकार हैं। अपनी सरकार की उपलब्धियों को पोस्ट करने के लिए नियमित रूप से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती हैं। वह फेसबुक पर सवालों के जवाब भी देती हैं।

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    इसके अलावा ममता बनर्जी तकनीक की भी जानकार हैं। अपनी सरकार की उपलब्धियों को पोस्ट करने के लिए नियमित रूप से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती हैं। वह फेसबुक पर सवालों के जवाब भी देती हैं।





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