महाकुंभ के दौरान 80 फीसदी कम कीमत पर मिलेंगी दवाएं, प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर ‘दवा दोस्त’ की शुरुआत


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महाकुंभ 2025

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को 80 फीसदी तक डिस्काउंट पर दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भारतीय रेलवे के लखनऊ मंडल ने यह अनोखी पहल शुरू की है। 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज आने वाले पर्यटकों और रेल यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के लिए यह पहल की गई है। प्रयाग जंक्शन और प्रयागराज संगम स्टेशनों पर “दवा दोस्त” नाम से दवाई की दुकान शुरू की गई है।

उत्तर रेलवे , लखनऊ मंडल के बयान में कहा गया, “महाकुंभ के दौरान प्रयाग आने वाले पर्यटकों और रेल यात्रियों के लिए इन दुकानों पर आवश्यक दवाएं रियायती दरों पर उपलब्ध होंगी। इसके तहत मंडल के प्रयाग जंक्शन और प्रयागराज संगम स्टेशनों पर “दवा दोस्त” नाम से दवाई की दुकान शुरू की गई है। इन दवा दुकानों पर आवश्यक दवाएं 80 प्रतिशत तक रियायती दरों पर उपलब्ध होंगी।” 

बड़ी संख्या में यात्रियों को मिलेगा फायदा

उत्तर रेलवे, लखनऊ डिवीजन ने कहा, “बीमारी की स्थिति में यात्रियों को कहीं और नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें स्टेशन पर ही अपनी जरूरत की दवाइयां किफायती दामों पर मिल जाएंगी। यात्री सेवा के तहत, उन्हें बेहतरीन गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में डिवीजन द्वारा एक सार्थक प्रयास किया गया है, जिससे बड़ी संख्या में यात्रियों को लाभ होगा।” प्रयागराज महाकुंभ मेले में हजारों भक्तों, ऋषियों और संतों के शामिल होने की उम्मीद है। एक महीने से ज्यादा समय तक चलने वाले इस मेले के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

बांस से बने होटल में रुकेंगे यात्री

महाकुंभ के दौरान शहर को साफ बनाए रखने के लिए स्थानीय होटलों में बांस से घर बनाए गए हैं। इससे पर्यावरण को कम नुकसान होगा। अलारकपुरी रिसॉर्ट में असम के मुरली बांस से तैयार बांस के कॉटेज पेश किए हैं। इनमें आधुनिक सुविधाओं के साथ भारतीय परंपरा की झलक भी दिखती है। रिसॉर्ट के मैनेजर, आदित्य सिंह ने मेहमानों से आग्रह किया कि प्लास्टिक का उपयोग कम करें और हरित कुंभ पहल का समर्थन करें। 

26 फरवरी को पूरा होगा महाकुंभ मेला

आदित्य सिंह ने प्रयागराज में बाढ़ की समस्या के कारण बांस के घर बनाने की जरूरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा ” प्रयागराज में हर साल बाढ़ आती है और सभी घर ढह जाते हैं। इस वजह से, हमने एक स्थायी घर बनाने के बारे में सोचा और इसके लिए असम गए। असम से बांस से बने घर देखे फिर घर बनाने में छह से सात महीने लगे और यह तैयार हो गया।” हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ 26 फरवरी को संपन्न होगा। कुंभ के मुख्य स्नान अनुष्ठान (शाही स्नान) 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होंगे। (इनपुट- एएनआई)





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