ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर नियंत्रण के लिए सेना के इस्तेमाल से भी नहीं हिचकेंगे ट्रंप, बयान ने मचाई खलबली


डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति।

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डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति।

पाम बीच (अमेरिका): अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के पहले ही कई बयानों से तहलका मचा दिया है। उनकी नजरें फिलहाल ग्रीनलैंड और पनामा नहर हासिल करने पर टिक गई हैं। इसके लिए उन्होंने जरूरत पड़ने पर सेना का इस्तेमाल करने का भी संकेत दिया है। ट्रंप के इस बयान ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप आगामी 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं।

उन्होंने मंगलवार को कहा कि वे पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर नियंत्रण पाने के लिए सैन्य बल के प्रयोग की संभावना से इनकार नहीं करेंगे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दोनों पर अमेरिकी नियंत्रण महत्वपूर्ण है। अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने से दो सप्ताह से भी कम समय पहले अपने पुत्र डोनाल्ड ट्रंप जूनियर सहित सहयोगियों और सलाहकारों के प्रतिनिधिमंडल के ग्रीनलैंड में होने के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए ट्रंप ने दोनों क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना के प्रयोग का विकल्प खुला छोड़ दिया। ट्रंप के इस बयान ने हलचल पैदा कर दी है।

ट्रंप से पूछा गया था ये सवाल

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति से जब ये पूछा गया कि ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर नियंत्रण के लिए क्या वे सेना के इस्तेमाल की संभावना से इनकार करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताऊंगा।’’ ‘‘हो सकता है कि आपको कुछ करना पड़े। पनामा नहर हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमें राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ग्रीनलैंड की आवश्यकता है।’’ ग्रीनलैंड डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र है, जो लंबे समय से अमेरिका का सहयोगी और नाटो का संस्थापक सदस्य है। ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका में शामिल करने का विचार दिया है। उन्होंने कहा कि वह ऐसा करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल नहीं करेंगे, बल्कि ‘आर्थिक बल’ पर भरोसा करेंगे। (एपी) 

 

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