नई दिल्ली: दिल्ली की सीएम आतिशी ने बीजेपी को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी दिल्ली में रमेश बिधूड़ी को सीएम पद का उम्मीदवार बनाना चाहती है। आतिशी ने कहा कि उन्हें सूत्रों से ये जानकारी मिली है। आतिशी ने कहा कि संसद में बिधूड़ी ने जो गालियां दीं, बीजेपी उन्हें उसका इनाम देना चाहती है। ऐसे में अब दिल्ली के लोगों को अरविंद केजरीवाल और रमेश बिधूड़ी में से किसे चुनना है, वो तय कर लें। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आतिशी का ये बयान एक बड़ा राजनीतिक दांव है, जिसे खेलकर वह दिल्ली की जनता का ध्यान AAP की तरफ आकर्षित करना चाहती हैं।
बीजेपी ने किया पलटवार
आतिशी ने रमेश बिधूड़ी के नाम की भविष्यवाणी की तो बीजेपी ने इस पर पलटवार करने में देर नहीं लगाई। पार्टी ने कहा कि आतिशी के बयान से साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी ये मान चुकी है कि दिल्ली में सरकार बीजेपी की ही बनने वाली है। कुल मिलाकर पूर्वांचलियों पर हो रही ये लड़ाई किसे फायदा पहुंचाएगी, ये तो 8 फरवरी को ही पता चलेगा लेकिन इतना साफ है कि 27 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी इस मुद्दे को चुनाव तक छोड़ने वाली नहीं है।
बढ़ रहा सियासी पारा
दिल्ली के दंगल की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सियासी पारा हाई होता जा रहा है और अब दिल्ली की सियासत के केंद्र में पूर्वांचली वोटर्स हैं। इन्हें लेकर चुनावी माहौल गरमा गया है। आम आदमी पार्टी से लेकर बीजेपी के नेताओं की जुबान पर सिर्फ पूर्वांचल का नाम है और पूर्वांचली दिल्ली की सड़कों पर उतर आए हैं। हंगामा और प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल केजरीवाल ने बीजेपी पर नई दिल्ली सीट पर वोट घोटाले का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से शिकायत करी है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट की वोटर लिस्ट से पिछले 15 दिनों में करीब साढ़े पांच हजार नाम काटने और 13 हजार नए वोटर जोड़ने के लिए आवेदन किया गया है। उनका कहना है कि बीजेपी, यूपी-बिहार से लोगों को लाकर यहां उनके फर्जी वोट बनवा रही है।
केजरीवाल का ये बयान जैसे ही सामने आया, बीजेपी ने इसे दोनों हाथों से लपक लिया और फिर दिल्ली की सड़कों पर पूर्वांचल के मुद्दे को लेकर सियासत शुरू हो गई। बीजेपी ने केजरीवाल पर पूर्वांचल के लोगों को फर्जी बताने का आरोप लगाया।
मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर सवाल उठाए तो दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पलटवार किया। भारद्वाज ने पूछा कि जब जेपी नड्डा ने पूर्वांचलियों को घुसपैठिया बताया था, तब मनोज तिवारी क्यों कुछ नहीं बोले थे।
केजरीवाल के बयान की गूंज लखनऊ और पटना तक भी सुनाई दी। पटना में भी केजरीवाल के खिलाफ प्रोटेस्ट हुआ तो एनडीए के नेताओं ने केजरीवाल को निशाने पर लिया। आम आदमी पार्टी और बीजेपी में ये घमासान इसलिए भी मचा है क्योंकि राजधानी में पूर्वांचल वोटर्स किंगमेकर की भूमिका में दिख रहे हैं।
दरअसल दिल्ली के कुल 1.55 करोड़ वोटर्स में करीब 40 लाख वोटर्स पूर्वांचल के हैं। जो दिल्ली की 70 में से 35 विधानसभा सीटों पर सीधा असर डालते हैं। इतना ही नहीं 15 सीटें तो ऐसी हैं, जहां पूर्वांचल के वोटर्स ही जीत-हार तय करते हैं।