गुजरात में पतंग के मांझे से गला कटने से 4 लोगों की मौत, एक 4 वर्षीय बच्चा भी शामिल


प्रतीकात्मक फोटो

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गुजरात में मंगलवार को उत्तरायण उत्सव के दौरान पतंग के मांझे से गला कटने के कारण चार वर्षीय बालक सहित चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि राजकोट, पंचमहाल, मेहसाणा और सुरेंद्रनगर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि राज्य भर में कई लोगों के घायल होने की खबर है। 

  1. पंचमहाल जिले के हलोल कस्बे में कुणाल परमार (चार) की गर्दन पतंग के मांझे से कटने से अत्यधिक खून बहने से मौत हो गई। वह अपने पिता के साथ मोटरसाइकिल पर बाजार से पतंग और गुब्बारे खरीदने जा रहा था, तभी अचानक मांझे का एक टुकड़ा उसकी गर्दन में फंस गया, जिससे उसके गर्दन पर गहरा घाव हो गया। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
  2. वहीं, मेहसाणा जिले के वडनगर तालुका में एक किसान मनसाजी ठाकोर (35) की भी उसी तरह मौत हो गई। वह मोटरसाइकिल से अपने गांव वडबार जा रहे थे, जब पतंग के मांझे से उनकी गर्दन कट गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
  3. राजकोट जिले के बाहरी इलाके में एक अन्य व्यक्ति ईश्वर ठाकोर (35) भी पतंग के मांझे से गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई।
  4. इसके अलावा सुरेंद्रनगर जिले के पाटडी तालुका में भी इसी तरह की एक दुखद घटना सामने आई, जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति की गर्दन में मांझे से घाव लगने से मौत हो गई।

उत्तरायण पर आपातकालीन कॉल्स

राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली जीवीके ईएमआरआई ने इस साल उत्तरायण पर आपातकालीन कॉल्स में बढ़ोतरी की सूचना दी है। 15 जनवरी तक शाम 6 बजे तक कुल 3,707 आपातकालीन कॉल्स प्राप्त हुईं, जबकि 2024 में इसी दिन यह संख्या 3,362 थी। इन घटनाओं में मुख्य रूप से पतंग उड़ाते समय मांझे से कटने और छत से गिरने के मामले शामिल थे।

नायलॉन से बना या कुचले हुए कांच से लेपित मांझा इतना तीखा होता है कि इससे जानलेवा घाव हो सकता है। प्रतिबंधित होने के बावजूद पतंग के शौकीन इसे अपने विरोधियों की पतंग काटने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

सोमवार को राज्य सरकार ने एक याचिका के जवाब में गुजरात हाई कोर्ट सूचित किया था कि उत्तरायण से पहले चीनी मांझा और कांच से लेपित मांझे के कथित निर्माण, बिक्री और भंडारण के लिए कुल 609 प्राथमिकी दर्ज की गईं और 612 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। 24 दिसंबर, 2024 की एक अधिसूचना में इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन फिर भी ये पतंग के शौकीनों के हाथों में पहुंच गए। (भाषा इनपुट के साथ)

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