9 साल की लड़की भी हार गई जिंदगी की जंग, जम्मू-कश्मीर में ‘रहस्यमय बीमारी’ से अब तक 15 की मौत


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Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुई मौतों का पता लगाने के लिए SIT का गठन किया गया है।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में कथित ‘रहस्यमय बीमारी’ से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू में बुधवार को एक अस्पताल में 9 साल की एक लड़की की मौत हो गई। इसके साथ ही राजौरी जिले के एक सुदूर गांव बधाल में पिछले डेढ़ महीने में रहस्यमय कारणों से मौत के मामलों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। बता दें कि पुलिस ने मौतों के कारणों की जांच के लिए एक SIT का गठन किया है। वहीं, सूबे की स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद ने बधाल गांव में हुई मौतों के पीछे किसी रहस्यमय बीमारी को कारण मानने से इनकार किया है।

‘3 परिवारों में हुईं मौतें बेहद चिंताजनक हैं’

जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के अंदर और बाहर किए गए सभी टेस्ट के नतीजे निगेटिव आए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम को जम्मू के SMGS अस्पताल में इलाज करा रही जबीना नाम की बच्ची की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पिछले 4 दिन में उसके 4 भाई-बहन और दादा की भी मौत हो गई। सकीना मसूद ने हालांकि कहा कि पिछले साल 7 दिसंबर से कोटरंका उप-मंडल के बधाल गांव में एक-दूसरे से जुड़े 3 परिवारों में हुईं मौतें बेहद चिंताजनक हैं और पुलिस एवं जिला प्रशासन कारण का पता लगाने के लिए तेजी से जांच करेगा।

‘घर-घर जाकर 3500 ग्रामीणों की जांच’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘5 लोगों की मौत की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर जाकर 3500 ग्रामीणों की जांच की गई। सभी के नमूने लिए गए जिन्हें जांच के लिए जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर अलग-अलग लैब्स में भेजा गया। कुछ दिन बाद 3 और लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद विभाग ने देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों की सहायता ली। उनकी टीमें यहां पहुंचीं और विस्तार से जांच की।’ बता दें कि मंगलवार की शाम को अधिकारियों ने गांव में मौतों की कुल संख्या 14 बताई थी।

‘11 सदस्यीय SIT का गठन किया गया’

राजौरी के SSP गौरव सिकरवार ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बुधल के पुलिस अधीक्षक (अभियान) वजाहत हुसैन की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय SIT का गठन किया गया है। मसूद ने कहा कि 40 दिन से ज्यादा समय के बाद मौत फिर से होने लगी हैं और यह साफ है कि यदि मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं, तो यह तुरंत फैल जाती और उन तीन परिवारों तक सीमित नहीं होती, जो एक-दूसरे के पास रहते हैं और एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इस बीच, उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और इससे बाहर की गई किसी भी जांच की रिपोर्ट में कुछ भी सामने नहीं आया है।

‘कई जगहों पर करवाई गई है जांच’

SSP सिकरवार ने बताया कि रिपोर्ट्स में पुणे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ग्वालियर में रक्षा अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DRDE) और PGI-चंडीगढ़ में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में की गई जांच भी शामिल है। उन्होंने कहा कि साथ ही पानी और अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल्स के मामले में भी यही स्थिति है। पिछले महीने स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव का दौरा करने वाली मंत्री सकीना मसूद ने कहा, ‘स्वास्थ्य विभाग को ऐसी कोई बीमारी, वायरस या संक्रमण नहीं मिला, जिससे मौतें हुई हों।’

‘मौतों का वास्तविक कारण जांच का विषय’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मौतों का वास्तविक कारण जांच का विषय है। कुछ मृतकों के सैंपल्स में कुछ ‘न्यूरोटॉक्सिन’ पाए जाने जुड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स के खुलासे के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि वे जांच पूरी होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं जिला विकास आयुक्त के संपर्क में हूं और SSP से भी बात की है। सच्चाई को सामने लाने के लिए त्वरित जांच होनी चाहिए।’ मसूद ने कहा कि वे FSL रिपोर्ट समेत कुछ टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे, जिसमें समय लगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि मौतें किसी बीमारी या वायरस की वजह से नहीं हुई थीं। (भाषा)





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