बैलगाड़ियों का काफिला लेकर दुल्हन को लेने पहुंचा दूल्हा
भीलवाड़ा: आज के दौर में भव्य शादियां प्रचलन में हैं। जहां दूल्हा या तो घोड़े पर सवार होकर अपनी दुल्हन को लेने जाता है या फिर कार में सवार में होकर। लेकिन क्या हो अगर कोई दूल्हा बैलगाड़ी में बैठकर अपनी दुल्हन को लेने के लिए जाए? राजस्थान के भीलवाड़ा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
क्या है पूरा मामला?
भीलवाड़ा जिले के रायपुर कस्बे से 15 किमी दूर कोशीथल गांव में एक अनोखी बारात देखने को मिली। यहां सजी-धजी बैलगाड़ियों में सवार होकर एक दूल्हा अपनी जीवनसंगिनी के घर पहुंचा। दूल्हा रायपुर के सूरजपुरा गांव में सहकारी समिति रायपुर के उपाध्यक्ष मांगी लाल जाट के घर बारात लेकर पहुंचा।
पारंपरिक रीति रिवाज को कायम रखते हुए दूल्हा बैलगाड़ी से बारात लेकर पहुंचा। आज का दौर भले ही मॉर्डन हो गया हो और लोग भले ही महंगी-महंगी कार, हेलिकॉप्टर, घोड़ा-बग्गी से बारात में पहुंचते हों लेकिन जाट समाज के रीति रिवाज और पारंपरिक प्रथा आज भी ग्रामीण क्षेत्र में जीवित है। इसी प्रथा को जिंदा रखते हुए जाट समाज द्वारा बैलगाड़ी को सजाकर बारात निकाली है। लोग इस बात की तारीफ कर रहे हैं कि मॉर्डन जमाने में भी परंपरा कायम है।
इस बारात में एक दर्जन से ज्यादा बैलगाड़ियां थी। सभी बैलगाड़ियों को गुब्बारे सहित फूल मालाओं से सजाया गया था। यहां तक कि बैलगाड़ी खींचने वाले बैलों को भी ठीक उसी तरह सजाया गया था, जैसे गोवर्धन पूजा के दिन सजाया जाता है। सबसे आगे दूल्हे की बैलगाड़ी चल रही थी।
सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की हो रही है कि आज के दौर में अगर किसी से कहो कि दुल्हन को लेने के लिए बैलगाड़ी लेकर जाया गया है तो वह पहले तो विश्वास ही नहीं करेगा। लेकिन ये वीडियो इस बात का जीता जागता सबूत है कि परंपराएं आज भी जिंदा हैं। (इनपुट: सोमदत्त त्रिपाठी)