भारत के इतिहास में पहली बार मां-बेटे को एक साथ मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान, लेफ्टिनेंट जनरल साधना और बेटे तरुण ने रचा इतिहास


Sadhna nair tarun nair

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लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर और उनके बेटे तरुण नायर

लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर और उनके बेटे तरुण नायर के लिए गणतंत्र दिवस 2025 बेहद खास बन चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सैनिकों को 26 जनवरी के मौके पर सम्मानित करेंगी। साधना और तरुण भारत के इतिहास में मां-बेटे की पहली जोड़ी हैं, जिन्हें एक साथ, एक ही समारोह में राष्ट्रपति सम्मान मिलेगा। लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस नायर, वीएसएम को एवीएसएम से सम्मानित किया जाएगा। वहीं, उनके बेटे स्क्वाड्रन लीडर तरुण नायर को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। 

कौन हैं जनरल साधना

लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट, प्रयागराज से शुरू की और लोरेटो कॉन्वेंट, लखनऊ में उनकी पढ़ाई पूरी हुई। इस बीच, वह तेजपुर, गोरखपुर, कानपुर और चंडीगढ़ के स्कूलों में गईं। उन्होंने अच्छे अकादमिक रिकॉर्ड के साथ पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और दिसंबर 1985 में आर्मी मेडिकल कोर में नियुक्त हुईं। साधना नायर के पास फैमिली मेडिसिन में स्नातकोत्तर डिग्री है। उन्होंने एम्स, नई दिल्ली में मेडिकल इंफॉर्मेटिक्स में दो साल का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी पूरा किया है।

विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित

लेफ्टिनेंट जनरल साधना ने विदेश में सीबीआरएन (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) युद्ध और सैन्य चिकित्सा नैतिकता में प्रशिक्षण लिया। वह पश्चिमी वायु कमान और प्रशिक्षण कमान की पहली और एकमात्र महिला प्रधान चिकित्सा अधिकारी थीं। साधना को विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें वायु सेना प्रमुख और एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से भी सराहना मिली है।

पिछले साल संभाला चिकित्सा महानिदेशक का पद

लेफ्टिनेंट जनरल साधना ने पिछले साल अगस्त में चिकित्सा सेवा (सेना) के महानिदेशक का पदभार संभाला था। इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त होने वाली वह पहली महिला हैं। इससे पहले उन्होंने एयर मार्शल के पद पर पदोन्नति के बाद अस्पताल सेवा (सशस्त्र बल) के महानिदेशक का पद संभाला था। वह इस पद तक पहुंचने वाली पहली महिला थीं। साधना नायर प्रभावी रूप से केवल दूसरी महिला अधिकारी हैं, जो पूरे सेवाकाल में वायुसेना में अलग-अलग पदों पर सेवाएं देने के बाद एयर मार्शल और अब चिकित्सा सेवा (सेना) महानिदेशक के पद तक पहुंची हैं।

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