पुणे में फैल रही डरावनी बीमारी, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की भी ले चुकी है जान


पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से दहशत।

Image Source : PEXELS/AP
पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से दहशत।

महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के बढ़ते मामलों ने लोगों के बीच बुरी तरह से दहशत फैला दी है। पुणे में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 100 के भी पार पहुंच गई है। वहीं, सोलापुर जिले में एक  व्यक्ति की मौत हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कारण महाराष्ट्र में मौत का ये संभवत: पहला मामला है। अधिकारियों के मुताबिक, मृतक व्यक्ति भी पुणे आया था। आपको बता दें कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की भी मौत हो चुकी है। आइए जानते हैं कि इस गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं और इसके सामने आने के बाद क्या हालात हैं।

पुणे में क्या हैं हालात?

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कुल मामलों की संख्या बढ़कर रविवार को 101 हो गई है। संक्रंमित मरीजों में 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। वहीं, सोलापुर में एक मरीज की मौत हो गई है जिसके संक्रमित होने का संदेह था।

अब तक प्रशासन ने क्या किया?

पुणे में इस घातक बीमारी के कारण रैपिड रेस्पांस टीम और नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारीगुइलेन-बैरे सिंड्रोम से प्रभावित सिंहगढ़ रोड के इलाकों में संक्रमण के मामलों पर नजर रखे हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 25,578 घरों का सर्वेक्षण किया गया है। इनमें पुणे नगर निगम सीमा में 15,761 घर, चिंचवड नगर निगम सीमा में 3,719 घर और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 6,098 घर शामिल हैं।

पूर्व राष्ट्रपति रूजवेल्ट की हुई थी मौत

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम किस स्तर तक घातक हो सकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की भी इस बीमारी के कारण मौत हो गई थी। रूजवेल्ट को लकवा मार गया था और उनके कमर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। पहले माना गया कि इसका कारण पोलियो है। हालांकि, बाद में रिसर्च में सामने आया कि उनकी मौत का कारण गुइलेन-बैरे सिंड्रोम था।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

दरअसल, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक रोग प्रतिरोधी क्षमता संबंधित रेयर बीमारी है। इसके कारण शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं। इस बीमारी के कारण हाथ और पैरों में भी गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कारण आम तौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण हैं। ये मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं। (भाषा के इनपुट के साथ)

ये भी पढ़ें- श्रीलंका ने 34 भारतीय मछुआरों को किया गिरफ्तार, CM स्टालिन ने केंद्र सरकार से की बड़ी अपील

उत्तराखंड: रुड़की फायरिंग मामले में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की आज कोर्ट में पेशी, MLA उमेश कुमार भी हिरासत में लिए गए

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *