Stock market crash: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर नए दिन बाजार निवेशक बाजार में सुधार की उम्मीद करते हैं लेकिन उनको निराशा हाथ लगती है। आज हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को निफ्टी 50 ने 23000 के सभी सपोर्ट को भी तोड़ दिया। वहीं, सेंसेक्सा भी 76 हजार के नीचे चला गया। बाजार बंद होने पर बीएसई सेंसेक्स 824.29 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 75,366.17 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 263.05 अंक टूटकर 22,829.15 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से सिर्फ 5 शेयर हरे निशान में बंद हुए। बाजार में आज लॉर्ज कैप के अलावे मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स की जबरदस्त पिटाई हुई। आखिर क्या वजह है कि भारतीय बाजार में गिरावट का दौर रुक नहीं रहा है। अभी बाजार कहां तक टूट सकता है। अगर आप निवेशक हैं तो क्या करें? आइए इन सभी सवालों के जवाब।
निवेशकों के 10 लाख करोड़ डूबे
आज की बिकवाली में मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में आज बड़ी गिरावट आई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 3 फीसदी की गिरावट आई और स्मॉलकैप इंडेक्स 4 फीसदी से अधिक टूट गया। बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) पिछले सत्र के ₹419.5 लाख करोड़ से घटकर ₹410 लाख करोड़ से नीचे आ गया, जिससे निवेशकों को एक ही दिन में करीब ₹10 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।
क्यों गिर रहा है शेयर बाजार?
कमजोर तिमाही नतीजे, डॉलर में मजबूती और जीडीपी: भारतीय शेयर बाजार गिरने की कई वजह है। इनमें विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली, कंपनियों के कमजोर नतीजें, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती और डॉलर के मुकाबले रुपये का लगातार कमजोर होना है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पिछले साल अक्टूबर से भारतीय इक्विटी बेच रहे हैं, जिससे उन्हें करीब ₹2.5 लाख करोड़ के स्टॉक बेचे हैं। जनवरी में अब तक, उन्होंने 24 जनवरी तक भारतीय इक्विटी में ₹69,000 करोड़ से अधिक की बिकवाली की है।
यूएस फेड की बैठक: इसके अलावा यूएस फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक 28-29 जनवरी को होने वाली है। 2024 में, यूएस फेड ने ब्याज दरों में एक पूर्ण प्रतिशत की कमी की। हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि दर-कटौती चक्र समाप्त हो सकता है, और फेड द्वारा जनवरी में यथास्थिति बनाए रखने की संभावना है। यह उम्मीद हाल ही में मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक डेटा और डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के प्रभाव का आकलन करने के लिए सतर्क दृष्टिकोण से उपजी है।
ट्रंप की टैरिफ नीतियों से चिंता बढ़ी: दुनिया भर के बाजार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है, क्योंकि उसने निर्वासित अवैध अप्रवासियों को वापस लेने से इनकार कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि कोलंबिया निर्वासित प्रवासियों को ले जाने वाले सैन्य विमानों को स्वीकार करने के लिए सहमत हो गया है। इसका भी असर भारतीय बाजार पर हो रहा है।
बजट: निवेशकों का ध्यान बजट 2025 पर है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का बजट में लोकलुभावनवाद की झलक मिल सकती है। इससे राजकोषीय बढ़ने की आशंका है जो बाजार की धारणा और कमजोर करेगा। यह भी कारण बाजार के मूड को खराब कर रहा है।