अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन ने एक्सपेंस की समीक्षा शुरू करने के साथ ही मंगलवार से संघीय अनुदान (Federal Grants) और ऋणों पर रोक लगा दी है। रिपब्लिक पार्टी की सरकार के फंड पर रोक लगाने से खरबों डॉलर के लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं और हेल्थ सर्विस रिसर्च, शिक्षा कार्यक्रमों तथा अन्य पहल में बाधा आ सकती है। यहां तक कि जो अनुदान जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उन्हें खर्च नहीं किया गया है, उन्हें भी रोका जा सकता है। प्रबंधन और बजट कार्यालय के कार्यवाहक निदेशक मैथ्यू वैथ ने बयान में कहा कि मार्क्सवादी समानता, ट्रांसजेंडरवाद और हरित पहल से जुड़ी सोशल इंजीनियरिंग नीतियों को आगे बढ़ाने का मतलब करदाताओं के धन की बर्बादी करना है।
जीवन में सुधार नहीं होता
इससे उन लोगों के दैनिक जीवन में सुधार नहीं होता है, जिनकी हम सेवा करते हैं। बयान से हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि रोक कितनी व्यापक होगी, लेकिन वैथ ने कहा कि सभी खर्च ट्रंप के कार्यकारी आदेशों के अनुरूप होने चाहिए। यह रोक इस बात का ताजा उदाहरण है कि कैसे ट्रंप अपने रुढ़िवादी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए संघीय प्रणाली पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं।
डीपसीक अमेरिकी कंपनियों के लिए चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीनी ऐप डीपसीक का अचानक उदय कृत्रिम मेधा (एआई) से जुड़ी अमेरिकी कंपनियों के लिए सजग होने की चेतावनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन अमेरिकी कंपनियों को जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा पर ध्यान देने की जरूरत है। डीपसीक का कहना है कि उसका कृत्रिम मेधा मॉडल, ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी जैसे अमेरिकी दिग्गजों के मॉडल के बराबर हैं। साथ ही डीपसीक का एआई ऐप तुलनात्मक रूप से काफी किफायती है। ट्रंप ने यह भी कहा कि डीपसीक एक सकारात्मक विकास है, क्योंकि यह किफायती है।
यह एक अच्छा कदम भी
उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘मैं चीन और चीन की कुछ कंपनियों के बारे में पढ़ रहा हूं, जिनमें से एक विशेष रूप से एआई की तेज और बहुत कम खर्चीली तकनीक लेकर आ रही है। यह अच्छा है, क्योंकि आपको ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। मैं इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखता हूं।’’ उन्होंने कहा कि एक चीनी कंपनी के डीपसीक एआई बनाने की घटना अमेरिकी उद्योगों के लिए सजग होने की चेतावनी है, और इन कंपनियों को भी जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा पर ध्यान देने की जरूरत है।