बजट की उम्मीद में अक्सर रेलवे के शेयरों में तेजी देखी गई है। लेकिन साल 2025 रेलवे स्टॉक्स के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। इसकी वजह है कि साल की शुरुआत से रेलवे का एक भी शेयर पॉजिटिव क्षेत्र में नहीं आया है। जबकि पिछले बजट-पूर्व रुझानों में ऐसा नहीं देखा गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगमी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी। चर्चा है कि क्या इस साल का बजट रेलवे से ठंडे पड़े शेयर को फिर से पटरी पर लाने में मददगार साबित होगा? बाजार में व्यापक करेक्शन के चलते कुछ शेयर अपने संबंधित उच्च स्तरों से 40% से अधिक गिर गए हैं।
रेलवे कंपनियों के शेयर का हाल
खबर के मुताबिक, ओरिएंटल, इरकॉन जुपिटर वैगन्स और टीटागढ़ अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तरों से लगभग 50% गिर गए, जबकि राइट्स, बीईएमएल, रामकृष्ण फोर्जिंग्स, टेक्समैको रेल, आईआरएफसी अपने उच्च स्तरों से 30% से अधिक गिर गए। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, सालाना आधार पर देखें तो ओरिएंटल रेल, जुपिटर वैगन्स, टीटागढ़ रेलसिस्टम्स, राइट्स और बीईएमएल सभी में 10% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच, आईआरएफसी, रेलटेल कॉर्प, इरकॉन और कुछ अन्य में 5% से अधिक की गिरावट आई है।
बाजार की हालत पस्त
रेलवे के शेयरों की खराब स्थिति की वजह भारतीय बाजार में चल रही मंदी मानी जा सकती है। इसके पीछे मुख्य वजह पिछले कुछ वर्षों में महंगे मूल्यांकन और मजबूत तेजी है। बीते साल सितंबर में शिखर पर पहुंचने के बाद से बेंचमार्क निफ्टी में करीब 14% की गिरावट आई है और इस साल 50 शेयरों वाला इंडेक्स पहले ही करीब 3% से अधिक नीचे आ चुका है।
चालू वित्त वर्ष से हैं उम्मीदें
रेलवे शेयरों को लेकर इस साल कुछ उम्मीदें हैं। संकेत है कि रेलवे क्षेत्र को वित्त वर्ष 2026 में पूंजीगत व्यय में 15-20% की अनुमानित वृद्धि के साथ पर्याप्त बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इनमें नई पटरियां बिछाना, मौजूदा पटरियों को अपग्रेड करना और अपग्रेड किए गए रेलवे स्टेशनों को चालू करना शामिल है। विश्लेषकों को चौथी तिमाही में ऑर्डर फ्लो में भी तेजी की उम्मीद है, जो कि वित्त वर्ष 2025 में चुनाव के कारण देरी के कारण पूंजीगत व्यय में धीमी शुरुआत के मुकाबले कम है।