बीजेपी के जनजातीय समुदाय से आनेवाले लोकसभा सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ टिप्पणी मामले पर सांसद पप्पू यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, राज्यसभा चेयरमैन से कांग्रेस सांसद सोनिया गाँधी के खिलाफ भी शिकायत की गई है। बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर सोनिया गांधी की टिप्पणी पर भी काफी बवाल हुआ था।
क्या बोले थे पप्पू यादव और सोनिया गांधी?
दरअसल, हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सांसद पप्पू यादव ने विवादित बयान दिया था। पप्पू यादव ने कहा था- “वह तो स्टॉम्प हैं किसी का लव लेटर पढ़ना है उनको।” वहीं, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने कहा था राष्ट्रपति अंत तक बहुत थक गई थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। इस दौरान सोनिया गांधी ने कथित तौर पर ‘Poor Thing’ शब्दों का प्रयोग किया। इस मामले में पप्पू यादव के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और औचित्य के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया है।
ऐसी टिप्पणी एक सांसद को शोभा नहीं देता- फग्गन सिंह कुलस्ते
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर सोनिया गांधी और पप्पू यादव की टिप्पणी पर भाजपा के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा- “देश के राष्ट्रपति पर ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना एक सांसद को शोभा नहीं देता। इसलिए हमने लोकसभा में पप्पू यादव के खिलाफ स्पीकर को ज्ञापन दिया है। अब हम राज्यसभा के सभापति को (सोनिया गांधी के खिलाफ) ज्ञापन देने वाले हैं और इन टिप्पणियों पर, वह भी एक महिला के खिलाफ की जांच की मांग करेंगे।”
आदिवासी सांसदों ने मामले को गंभीरता से लिया- किरेन रिजिजू
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी के लिए कांग्रेस संसदीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने वाले भाजपा सांसदों पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “इस देश के आदिवासी सांसदों ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने आज लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के समक्ष अपना ज्ञापन सौंपा है। लोकसभा में पप्पू यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को “प्रेम पत्र” कहा…हमारे आदिवासी सांसदों ने बहुत कड़ी आपत्ति जताई और अध्यक्ष को शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बाद में राज्यसभा के सभापति को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के लिए “बेचारी महिला” और “थकी हुई” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। राज्यसभा के सभापति ने धैर्यपूर्वक सुनवाई की और अपनी टिप्पणी दी…उन्होंने इसे बहुत गंभीरता से लिया।”