संसद के बजट सत्र में सोमवार (तीन फरवरी) को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पर विपक्षी सांसदों ने असहमति जाहिर की है। कार्यसूची के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद जगदम्बिका पाल, संजय जायसवाल के साथ मिलकर रिपोर्ट (हिंदी और अंग्रेजी संस्करण) तथा समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों के रिकॉर्ड प्रस्तुत करेंगे, जिनके आधार पर समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है।
जगदम्बिका पाल ने विधेयक पर समिति की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। उन्होंने बुधवार को कहा, “हमने रिपोर्ट और संशोधित संशोधित विधेयक को अपना लिया है। पहली बार हमने एक खंड शामिल किया है जिसमें कहा गया है कि वक्फ का लाभ हाशिए पर पड़े लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलना चाहिए। कल हम यह रिपोर्ट स्पीकर के सामने पेश करेंगे।” पाल ने कहा, “हमारे समक्ष 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में सदस्यों द्वारा संशोधन प्रस्तावित किए गए। हमने बहुमत से मतदान कराया और फिर इन संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया।”
ओवैसी बोले- मेरे असहमति नोट के हिस्से हटाए
जेपीसी ने बुधवार, 29 जनवरी को मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को स्वीकार किया। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति जताई। इससे पहले जेपीसी ने वक्फ विधेयक 1995 को 14 खंडों और धाराओं में 25 संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी थी। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि जेपीसी रिपोर्ट पर उनके असहमति नोट के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया है। उनके अनुसार, उनमें सिर्फ ‘तथ्य बताए गए’ थे
ओवैसी का पोस्ट
ओवैसी ने एक्स पर कहा, “मैंने वक्फ विधेयक के खिलाफ जेपीसी को एक विस्तृत असहमति नोट प्रस्तुत किया था। यह चौंकाने वाला है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना हटा दिया गया। हटाए गए खंड विवादास्पद नहीं थे, उनमें केवल तथ्य बताए गए थे।” ओवैसी ने यह भी पूछा कि जेपीसी अध्यक्ष जगदम्बिका पाल विपक्ष की आवाज क्यों दबा रहे हैं, जबकि उन्हें ‘वह रिपोर्ट मिल गई है जो वह चाहते थे।’
वक्फ अधिनियम की हो रही आलोचना
वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाए गए वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, उन्नत ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को लागू करके इन चुनौतियों का समाधान करना है।
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