बजट के बाद भारतीय शेयर बाजार का मूड और खराब हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ाने के ऐलान और इन देशों द्वारा जवाबी शुल्क लगाने की कार्रवाई ने दुनियाभर के बाजारों का मूड खराब कर दिया है। आपको बता दें कि अमेरिकी सरकार ने कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25 फीसदी और चीनी सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो मंगलवार से प्रभावी होगा। इस घोषणा से निवेशकों में घबराहट फैल गई, जिससे प्रमुख एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। इसका असर भारतीय बाजार पर देखने को मिल रहा है। शुरुआती कारोबार में 678.01 सेंसेक्स अंक टूटकर 76,827.95 अंक पर पहुंच गया है। वहीं, एनएसई निफ्टी 207.90 अंकों की गिरावट के साथ 23,274.25 अंक पर पहुंच गया है। अगर टूटने वाले शेयरों पर नजर डालें तो टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, जोमैटो, इंडसइंड बैंक में बड़ी गिरावट है।
बाजार खुलते ही निवेशकों के 5 लाख करोड़ डूबे
बाजार में बड़ी गिरावट से सिर्फ 5 मिनट में ही निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। यह आज की बात नहीं है। पिछले काफी समय से निवेशकों को लगातार निवेशको को नुकसान हो रहा है। बाजार में बड़ी गिरावट से म्यूचुअल फंड निवेशकों निराश हो गए हैं। इसके चलते सिप खाते बंद होने का आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट
ट्रेड वॉर शुरू होने से अमेरिका सहित दुनियाभर के बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। जापान के निक्केई 225 इंडेक्स सहित प्रमुख एशियाई सूचकांक 2.27 फीसदी से अधिक गिर गए, जबकि हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 2.07 फीसदी की गिरावट आई। ताइवान के सूचकांक में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई, जो 3.74 फीसदी से अधिक गिर गया है। एशियाई बाज़ार अक्सर अमेरिकी नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हैं, ख़ास तौर पर जब उनमें व्यापार प्रतिबंध शामिल होते हैं। चीन, ख़ास तौर पर वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में अहम भूमिका निभाता है और चीनी सामानों पर टैरिफ़ से कीमतें बढ़ सकती हैं और बाज़ार में व्यवधान पैदा हो सकता है। इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक, ज़्यादातर एशियाई बाज़ारों में बिकवाली का दबाव बना हुआ था।