लिस्बन: रहीम अल-हुसैनी को बुधवार को दुनिया के लाखों इस्माइली शिया मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता यानी नए आगा खान के रूप में नामित किया गया। बता दें कि रहीम अल-हुसैनी के पिता की वसीयत में उन्हें इस्माइली शिया मुसलमानों के 50वें वंशानुगत इमाम आगा खान पंचम के रूप में नामित किया गया था। हार्वर्ड ग्रेजुएट के रूप में 20 साल की उम्र में ही दुनिया भर में लाखों इस्माइल मुस्लिमों के आध्यात्मिक नेता बन गए आगा खां चतुर्थ का मंगलवार को निधन हो गया था। वह 88 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रिंस करीम आगा खान IV के निधन पर दुख व्यक्त किया था।
पुर्तगाल में हुआ था आगा खान IV का निधन
आगा खां डेवलपमेंट नेटवर्क और इस्माइली धार्मिक समुदाय ने घोषणा की थी कि शिया इस्माइली मुसलमानों के 49वें वंशानुगत इमाम प्रिंस करीम अल-हुसैनी, आगा खान चतुर्थ का पुर्तगाल में निधन हो गया। इस्माइली शिया मुसलमानों के आधिकारिक X अकाउंट पर भी इस बारे में जानकारी दी गई। समुदाय के आधिकारिक X अकाउंट पर लिखा गया, ‘प्रिंस रहीम अल-हुसैनी आगा खान पंचम शिया इस्माइली मुसलमानों के 50वें वंशानुगत इमाम हैं, जिन्हें मौलाना शाह करीम ने ऐतिहासिक शिया इमामी इस्माइली मुस्लिम परंपरा और नास के अभ्यास के अनुसार नामित किया है।’
लिस्बन में किया गया ये खास ऐलान
X अकाउंट पर आगे लिखा गया, ‘यह ऐलान मौलाना शाह करीम की वसीयत पढ़ने के बाद 5 फरवरी 2025 को लिस्बन में इमाम के परिवार और वरिष्ठ जमाती नेताओं की मौजूदगी में की गई। हज़रत मौलाना अली से अखंड वंशानुगत उत्तराधिकार में इमामत का नूर हमारे 50वें इमाम मौलाना शाह रहीम अल-हुसैनी आगा खान पंचम को सौंपा गया है।’ बता दें कि आगा खान के अनुयायी उन्हें पैगंबर मुहम्मद का वंशज मानते हैं। बता दें कि यह समुदाय मूल रूप से भारत में केंद्रित था। बाद में यह पूर्वी अफ्रीका, मध्य और दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में तक फैल गया।