RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार, 7 फरवरी को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती का ऐलान कर दिया। इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.25 प्रतिशत हो जाएगा। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार जून 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था। आरबीआई ने जून 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। जून 2023 के बाद से ही रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ था। जून 2023 के बाद आज पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया गया है और अब इसे घटाकर 6.50 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है।
रेपो रेट में आखिरी बार मई 2020 में हुई थी कटौती
आईबीआई ने आखिरी बार मई 2020 में ब्याज दरों में कटौती की थी। आरबीआई ने उस समय कोविड के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत (40 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती की थी। जिसके बाद आज करीब 5 साल बाद रेपो रेट में किसी तरह की कटौती की गई है। 5 फरवरी से लेकर 7 फरवरी, 2025 तक चली एमपीसी की मीटिंग में रेपो रेट घटाने का फैसला किया गया। पिछले साल 11 दिसंबर को आरबीआई के गवर्नर नियुक्त किए गए संजय मल्होत्रा की ये पहली एमपीसी मीटिंग थी।
किन लोगों को होगा फायदा और किन्हें होगा नुकसान
आरबीआई के इस फैसले से होम लोन और कार लोन सस्ते हो जाएंगे और करोड़ों कर्जदारों की लोन EMI घट जाएंगी। यानी, जिन लोगों का लोन चल रहा है, उन्हें RBI के इस फैसले से काफी राहत मिलेगी। लेकिन, एक वर्ग ऐसा भी है, जिन्हें इस फैसले का नुकसान उठाना पड़ेगा। जी हां, रेपो रेट में कटौती होने से जहां एक तरफ लोन सस्ता हो जाएगा, वहीं दूसरी ओर एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज भी कम हो जाएगा। यानी, जिन लोगों का कोई लोन नहीं चल रहा है और वे एफडी में निवेश करते हैं, उन्हें इस फैसले का नुकसान उठाना पड़ेगा।