कालकाजी: दिल्ली में कालकाजी विधानसभा सीट पर इस बार के चुनाव में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। कालकाजी सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) की नेता और मुख्यमंत्री आतिशी चुनाव मैदान में हैं तो वहीं उनके खिलाफ दक्षिण दिल्ली के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं इन दोनों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने इस सीट के लिए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और चांदनी चौक की पूर्व विधायक अलका लांबा को चुनाव मैदान में उतार दिया है।
कालकाजी में दिलचस्प है मुकाबला
2020 से कालकाजी सीट से विधायक रहीं दिल्ली की सीएम आतिशी के आराम से चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की गई थी। लेकिन भाजपा के रमेश बिधूड़ी को चुनाव मैदान में उतरने से आम आदमी पार्टी की नेता के लिए चुनौती कठिन हो गई है क्योंकि बिधूड़ी की स्थानीय लोकप्रियता और पिछले संबंधों को देखते हुए उन्हें मुकाबले में फायदा मिलने की उम्मीद है। वह पहले तीन बार तुगलकाबाद लोकसभा सीट से विधायक और दक्षिणी दिल्ली से सांसद रह चुके हैं।
कालकाजी का चुनावी इतिहास
कालकाजी सीट का चुनावी इतिहास जटिल है, अबतक कोई भी राजनीतिक पार्टी इसे अपना गढ़ में बदलने में कामयाब नहीं हो पाई है। आम आदमी पार्टी ने यह सीट दो बार जीती है, हाल के विधानसभा चुनाव में आतिशी ने 11,000 से अधिक वोटों से इस सीट पर जीत हासिल की है। इसी तरह, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने पार्टी के लिए तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की है।
1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में, भाजपा की पूर्णिमा सेठी ने कालकाजी सीट से जीत हासिल की, जबकि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के वर्तमान अध्यक्ष, हरमीत सिंह कालका, 2013 में कालकाजी विधानसभा सीट से जीते थे। इसके बाद 2015 के चुनाव में इस सीट पर आप उम्मीदवार अवतार सिंह ने जीत हासिल की थी।