पोप फ्रांसिस और डोनाल्ड ट्रंप।
वॉशिंगटन/रोम: कैथलिक चर्च के प्रमुख एवं ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा प्रवासियों को बड़े पैमाने पर निर्वासित किए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमेरिका से अवैध प्रवासियों के निर्वासन के मुद्दे पर भड़कते हुए पोप फ्रांसिस ने मंगलवार को ट्रंप प्रशासन की निंदा की और आगाह किया कि इसका अंत बुरा होगा। उन्होंने कहा कि केवल उनकी अवैध स्थिति के कारण जबरदस्ती देश से बाहर निकाल देना प्रवासियों को उनकी अंतर्निहित गरिमा से वंचित करता है। पोप फ्रांसिस इस मुद्दे पर कितने सीरियस हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अमेरिका के बिशपों को इस बारे में एक चिट्ठी भी लिखी है।
ट्रंप के बड़े चुनावी मुद्दों में से एक था अवैध प्रवासियों का निर्वासन
बता दें कि इतिहास के पहले लातिन अमेरिकी पोप ने लंबे समय से प्रवासियों की देखभाल को अपनी धर्मपीठ की प्राथमिकता बना रखा है। पोप फ्रांसिस ने दुनिया के सभी देशों से मांग की है कि वे संघर्ष, गरीबी तथा जलवायु आपदाओं की वजह से भाग रहे लोगों का स्वागत करें और उनकी रक्षा करें। बता दें कि ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के मात्र 4 दिन के भीतर ही देश ने सैन्य विमानों का इस्तेमाल करते हुए अवैध अप्रवासियों के लिए निर्वासन उड़ानें शुरू कर दी थीं। अवैध आप्रवासियों का सामूहिक निर्वासन ट्रंप के प्रमुख चुनावी वादों में से एक रहा है।
‘ हम बुरे और खूंखार अपराधियों को देश से बाहर निकाल रहे हैं’
ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर भी हस्ताक्षर किए थे, जिसमें सूचना जारी की गई है कि भविष्य में बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों से पैदा होने वाले बच्चों को नागरिक नहीं माना जाएगा। ट्रंप ने तब कहा था, ‘निर्वासन प्रक्रिया बेहद अच्छी तरह से जारी है। हम बुरे, खूंखार अपराधियों को बाहर निकाल रहे हैं। ये हत्यारे हैं। ये वे लोग हैं जो सबसे बुरे हैं, इतने बुरे कि आपने इनके जैसा शायद ही किसी को भी देखा है। हम सबसे पहले इन्हें बाहर निकाल रहे हैं।’ ट्रंप के इस फैसले के बाद से हजारों प्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकाला जा चुका है।