माघ पूर्णिमा
हमारे हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तिथि को बेहद शुभ तिथि माना गया है, यह हर माह एक बार आती है। यह तिथि श्रीहरि को समर्पित है, पर इनमें भी खास है माघ पूर्णिमा। कहते हैं कि इसी दिन भगवान नारायण ने मत्स्य अवतार लेकर संसार की रक्षा की थी। इस कारण माघ पूर्णिमा की तिथि को लोग बड़ी संख्या में गंगा स्नान, व्रत, पूजा-अर्चना आदि करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान-दान आदि करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
क्या है शुभ मुहूर्त?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ माह की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी की शाम 6.55 बजे को आरंभ हो रही है, जो 12 फरवरी की शाम 7.22 बजे खत्म होगी। हालांकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को ज्यादा मान्यता दी गई है, ऐसे में माघ माह की पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जा रही है। वहीं, स्नान करने का समय भी 12 फरवरी को ही है। पंचांग की मानें तो स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 05.19 बजे से 06.10 बजे तक रहेगा। हिंदू धर्म में कहा गया कि ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना बेहद शुभ रहेगा।
माघ पूर्णिमा के दिन क्या शुभ-क्या अशुभ?
माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, हवन, व्रत और जप करना शुभ माना गया है। साथ ही जातक को श्रीहरि का पूजन-भजन, पितरों का श्राद्ध और गरीबों को दान देना चाहिए। वहीं, इन सभी के अलावा, सुबह सूर्य उगने से पहले पवित्र नदी, जलाशय या घर में स्नान करें और सूर्य को जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का जप करें।
ये करना रहेगा अशुभ
माघ पूर्णिमा के दिन कोशिश करें कि देर तक न सोएं, साथ ही इस दिन किसी भी तरह का तामसिक भोजन भी न करें। साथ ही किसी भी हाल में इस दिन अपने दरवाजे से किसी भी प्राणी को भूखा न जाने दें। साथ ही स्नान के वक्त नदी में दूषित करने वाला काम भी बेहद अशुभ माना गया है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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