चर्चा के दौरान एस. जयशंकर।
म्यूनिख: अपने तार्किक बयानों के लिए मशहूर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अब एक अमेरिकी सीनेटर के बयान पर उन्हें लाजवाब करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक भारत 80 करोड़ लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में समर्थ है। दरअसल, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन ने कहा था कि लोकतंत्र ‘मेज पर खाना नहीं परोसता’ है, लेकिन उनके इस बयान पर जयशंकर ने कहा कि भारत में ऐसा होता है। जयशंकर जाहिर तौर पर म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक पैनल चर्चा में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का जिक्र कर रहे थे, जहां उन्होंने सीनेटर एलिसा स्लोटकिन के बयान पर यह जवाब दिया।
जयशंकर ने स्लोटकिन को दिया ये जवाब
जयशंकर ने कहा,‘सीनेटर, आपने कहा कि लोकतंत्र आपकी मेज पर भोजन नहीं रखता है। वास्तव में दुनिया के मेरे हिस्से में, यह ऐसा करता है। आज, हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं और हम 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन उपलब्ध कराते हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक समाज है, इसलिए यह 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन उपलब्ध कराने में समर्थ है। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन यानी की MSC में शुक्रवार को ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलेपन को मजबूत करना’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा के दौरान जयशंकर ने यह बयान दिया।
80.67 करोड़ लोगों को मिल रहा मुफ्त अनाज
बता दें कि केंद्र सरकार एक जनवरी 2023 से NFSA के तहत 2 प्रकार के लाभार्थियों को PMGKAY के तहत मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है और फिर इसे एक जनवरी 2024 से 5 साल के लिए बढ़ा दिया है। दिसंबर 2024 तक के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 80.67 करोड़ लोगों को 2 श्रेणियों में मुफ्त खाद्यान्न मिलता है। अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के हर परिवार को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त मिलता है और प्राथमिकता वाले परिवारों (PHH) के लाभार्थियों के मामले में हर व्यक्ति को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न मिलता है।
जयशंकर ने इस बारे में X पर भी किया ट्वीट
जयशंकर ने ‘X’ पर पोस्ट किया, ‘MSC-2025 की शुरुआत ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलापन मजबूत करना’ विषय पर पैनल चर्चा से हुई। इसमें प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, इलिसा स्लॉटकिन और त्रजास्कोव्स्की भी शामिल हुए। भारत को एक प्रभावी लोकतंत्र के रूप में रेखांकित किया। मौजूदा राजनीतिक निराशावाद के प्रति असहमति जताई। विदेशी हस्तक्षेप पर अपने विचार रखे।’ जयशंकर के अलावा, पैनल में नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, अमेरिकी सीनेटर स्लॉटकिन और वारसॉ के महापौर रफाल त्रजास्कोवस्की शामिल हुए।