भूकंप की तबाही से अपने घर को रखें महफूज, खरीद लें यह इंश्योरेंस और रहें टेंशन फ्री


Earthquake

Photo:INDIA TV भूकंप

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके बार-बार आ रहे हैं। आज भी दिल्ली में भूकंज के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 5:35 बजे धरती कांप उठी। भूकंप के झटके कई सेकंड तक महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने शक्तिशाली थे कि कई मकान पूरी तरह हिलने लगी। सीसीटीवी फुटेज में इसका प्रमाण मिला है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इतिहास में कई विनाशकारी भूकंप दर्ज हैं, जिसने लाखों घरों और बड़ी संख्या में जान-माल का नुकसान किया है। आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर सीस्मिक जोन IV (Seismic Zone IV) में आता है, जो उच्च भूकंपीय खतरे (High Seismic Risk) वाला क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में अगर आप यहां रह रहें हैं तो भूकंप का खतरा बना रहेगा। इस खतरे को हम टाल तो नहीं सकते हैं लेकिन तैयारी जरूर कर सकते हैं। भूकंप से घर की होने वाली क्षति की भरपाई के लिए इंश्योरेंस कवर खरीद कर। आज हम आपको बता रहे हैं कि भूकंप से घर की सुरक्षा के लिए कौन का इंश्योरेंस खरीदें। 

होम इंश्योरेंस के तहत कवर 

भूकंप से होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए भूकंप बीमा (Earthquake Insurance) लिया जाता है। वैसे को भूंकप के लिए कोई अलग से पॉलिसी नहीं है लेकिन यह होम इंश्योरेंस में कवर होता है। होम इंश्योरेंस लेने पर यह पॉलिसीधारक को तब कवर मुआवजा देता है, जब उसका घर भूकंप से क्षतिग्रस्त हो जाता है। भूकंप बीमा पॉलिसी आपके घर को आंशिक और पूर्ण नुकसान/क्षति दोनों के मामले में कवरेज प्रदान करती है।

बीमा क्यों जरूरी?

  • भूकंप अप्रत्याशित होता है– इसकी भविष्यवाणी करना असंभव है।
  • बड़ा वित्तीय नुकसान– घर के ढहने या नुकसान होने पर मरम्मत और पुनर्निर्माण का खर्च बहुत ज्यादा हो सकता है।

क्या कवर होता है?

  • घर का ढांचा– अगर भूकंप से घर की दीवारें, छत, नींव, फर्श आदि को नुकसान होता है।
  • घर के अंदरूनी सामान– जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू सामान।
  • पुनर्वास खर्च– अगर घर रहने योग्य नहीं रहा तो किराए का खर्च।

पॉलिसी अवधि और प्रीमियम

होम इंश्योरेंस का प्रीमियम कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है, जैसे कि प्रॉपर्टी का प्रकार, लोकेशन, बीमा राशि, और क्या आप भूकंप कवरेज (Earthquake Cover) भी शामिल कर रहे हैं या नहीं। होम इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि 1 साल, 5 साल या 10 साल हो सकती है। प्रीमियम की बात करें तो ₹50 लाख के घर के लिए: ₹2,500 से ₹4,500 प्रति वर्ष प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है। वहीं, ₹1 करोड़ के घर के लिए सालाना प्रीमियम ₹5,000 से लेकर ₹8,000 प्रति वर्ष हो सकता है। 

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