ओडिशा के समुद्र तट पर लाखों कछुओं ने दिए अंडे
ओडिशा के गंजाम जिले का ऋषिकुल्या समुद्र तट इन दिनों एक अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। लगभग तीन लाख ओलिव रिडले कछुए 9000 किलोमीटर की दूरी तय कर ओ़डिशा के समुद्री तट पर पहुंचे हैं और उन्होंने 5.5 लाख से भी अधिक अंडे दिए हैं। कुछए अपने वार्षिक सामूहिक घोंसला निर्माण के लिए हर साल ओडिशा के तट पर पहुंचते हैं, जिन्हें “अरिबाडा” के नाम से जाना जाता है। ओलिव रिडले कछुए हर साल फरवरी और मार्च के बीच लाखों की संख्या में आते हैं। समुद्र तट की सुनहरी रेत पर ये कछुओं ने जगह-जगह घोंसला बनाया है और अपनी अगली पीढ़ी को जन्म देने के लिए 5.5 लाख अंडे दिए हैं।
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इस साल फरवरी के पहले सप्ताह से ही ओलिव रिडले कछुओं ने बड़े पैमाने पर घोंसले बनाना शुरू कर दिया था। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। कछुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने 1 नवंबर से 31 मई तक इस क्षेत्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ओलिव रिडले कछुए समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का अहम हिस्सा हैं। ये समुद्री जीवन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। लेकिन जल प्रदूषण और अवैध शिकार के कारण इनकी संख्या तेजी से घट रही है।
ओडिशा सरकार ने कछुओं के लिए की है खास व्यवस्था
ओडिशा के पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री गणेश राम सिंह खूंटियां ने कहा, “ऑलिव रिडले टर्टल का ओडिशा आना एक अच्छा संकेत है। इस साल लगभग 2 लाख से ज्यादा कछुए समुद्र तट पर पहुंचे हैं। वन विभाग ने कछुओं की सुरक्षा के लिए 2000 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया है। हमने कई जगहों को ‘नो फिशिंग जोन’ करार दिया है ताकि कछुओं की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके”
अंडों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऋषिकुल्या समुद्र तट को 50 हिस्सों में बांटा गया है। 200 से अधिक वन विभाग के कर्मचारी और स्वयंसेवक इस काम में लगे हुए हैं। इसके अलावा, जंगली कुत्तों, सियार और शिकारियों को रोकने के लिए समुद्र तट के चारों ओर घेरा भी बनाया गया है।
पिछले साल नहीं आए थे कछुए, इस साल समुद्र तट है गुलजार
पीसीसीएफ प्रेम कुमार झा ने कहा , ” पिछले साल ऑलिव रिडले टर्टल समुद्र के तट पर नहीं आए थे। इस साल 5 किलोमीटर के समुद्र तट के क्षेत्र में लगभग साढ़े 6 लाख लाख कछुए पहुंचकर अंडे दे कर वापस गए हैं। पिछले 5/6 दिनों से ये प्रक्रिया जारी है और हमें आशा है कि कछुए अगले 2/3 दिनों तक आते रहेंगे। 5 किलोमीटर लंबा समुद्र तट का क्षेत्र 6 गांवों के हो कर गुजरता है इसीलिए हमने समुद्र तट को घेर दिया है ताकि बाहर के लोग कछुओं तक पहुंच न सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित रहे। हर 50 मीटर पर 2 लोगों की टीम कछुओं की गिनती भी कर रही है।
(ओडिशा से शुभम कुमार की रिपोर्ट)