भारत में जल्द लॉन्च हो सकती है एलन मस्क की स्टारलिंक सर्विस।
अमेरिकी बिजनेमैन एलन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंक कंपनी स्टारलिंक की भारत में लॉन्चिंग को लेकर पिछले काफी समय से खबरें सामने आ रही हैं। मस्क की कंपनी अमेरिका, कनाडा समेत कई सारे देशों में काम कर रही है लेकिन अब तक इसकी भारत में एंट्री नहीं हो पाई है। Starlink कई महीनों से भारत में एंट्री की कोशिश कर रही है लेकिन, अब ऐसा लगता है जल्द ही भारत में इसकी सर्विस देखने को मिल जाएगी।
इकोनॉमिक टॉइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक Starlink ने भारत में सर्विस को लॉन्च करने के लिए सरकार को जरूरी जानकारी जमा करा दी है। इससे माना जा रहा है कि जल्द ही सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस का रास्ता साफ हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने भारत के अंतरिक्ष नियामक को आवेदन दिया है।
अगर सब कुछ सही रहता है और भारतीय अंतरिक्ष नियामक कंपनी को मंजूरी दे देता है तो Starlink की भारत में लॉन्चिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि इससे पहले गृह मंत्रालय और स्पेस डिपॉर्टमेंट की इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर की स्टैंडिंग कमेटी एलन मस्क की कंपनी की ऐप्लिकेशन का रिव्यू करेगी।
DoT लेना होगा लाइसेंस
आपको बता दें कि रिव्यू के बाद अगर अप्रूवल मिलता है तो इसके बाद स्टारलिंक को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) का ऑपरेटर लाइसेंस चाहिए होगा। इन सब प्रक्रिया के पूरी होने के बाद ही मस्क की सैटेलाइड बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस की भारत में पहुंच संभव हो पाएगी।
आपको बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोगी अमेरिका के दौरे पर गए हुए थे। वहां पर उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बिजनेसमैन एलन मस्क से भी मुलाकात की थी। अब कुछ दिनों बाद ही स्टारलिंक को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आ गई है। अगर सब कुछ सही रहता है तो कंपनी की सर्विस जल्द ही शुरू हो सकती है। बता दें कि अभी तक स्टारलिंक को सर्विस लॉन्च करने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं दिए गए हैं।
Starlink से कुछ ही लोगों को फायदा होगा
आपको बता दें कि स्टारलिंक की लॉन्चिंग के बाद इसकी पहुंच आम लोगों तक इतनी आसान नहीं होगी। इसकी सर्विस काफी महंगी हो सकती है। हालांकि इससे एक बड़ा फायदा हो सकेगा कि उन क्षेत्रों में भी इंटनेट की पहुंच संभव हो सकेगी जहां पर फाइबर लाइन्स या फिर टॉवर्स इंस्टाल नहीं किए जा सकते। स्टारलिंक की मदद से बिना किसी ट्रेडिशनल सेलुलर इंफ्रास्ट्रक्चर के भी मोबाइल फोन से कॉल किया जा सकेगा।