मिशन मोड में रेखा गुप्ता सरकार! दिल्ली को मिलेंगी 11,000 इलेक्ट्रिक बसें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में होगा बड़ा बदलाव


Electric bus

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इलेक्ट्रिक बसें

नई दिल्ली:  दिल्ली की सत्ता में बदलाव के बाद अब सबकी निगाहें नई सरकार के कामकाज पर टिकी हैं। नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में पूरी कैबिनेट एक मुहिम के तहत बीजेपी की गारंटी को पूरा करने में जुटी गई है। इसी क्रम में राजधानी की परिवहन व्यवस्था में बड़े स्तर पर सुधार की तैयारी है। दिल्ली सरकार अगले डेढ़ साल में 11 हजार इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारने की तैयारी कर रही है।

सीएनजी बसों को हटाया जाएगा

दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने कार्यभार संभालने के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि अगले डेढ़ साल में शहर के सार्वजनिक परिवहन बस बेड़े में 11,000 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा। सिंह ने पत्रकारों से कहा कि दिल्ली परिवहन निगम के सीएनजी बसों के बेड़े में से 50 प्रतिशत को हटा दिया गया है और बाकी बसों को भी अगले कुछ महीनों में सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। 

महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा जारी रहेगी

उन्होंने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक बस आनी शुरू हो गई हैं और 1,500 बसों का पहले ही शहर की सड़कों पर परिचालन हो रहा है। अगले डेढ़ साल में सार्वजनिक परिवहन बस बेड़े में 11,000 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा।’’ मंत्री ने संवाददाताओं को आश्वासन दिया कि महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा जारी रहेगी और कहा कि आने वाले दिनों में शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में काफी सुधार होगा। पंकज सिंह ने आश्वासन दिया कि नई सरकार में महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा जारी रहेगी। हम सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक परिवहन में नये लाभ शुरू करने की योजना बना रही है।

आयुष्मान योजना लागू करने की तैयारी

वहीं सूत्रों के मुताबिक आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन के लिए दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। दिल्ली सरकार के नए मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को अपनी पहली बैठक में राजधानी में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है। ’ मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत योजना के तहत, प्रत्येक लाभार्थी को 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाएगा, जिसमें केंद्र और दिल्ली सरकार 5-5 लाख रुपये का योगदान देंगी। 





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