अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चुनावी मदद का मुद्दा उठाया है। उन्होंने वाशिंगटन में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश को चुनावी मदद करने की जरूरत नहीं हैं। ट्रंप ने इससे पहले मियामी में गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस विषय पर बयान दिया था। उन्होंने सवाल किया था कि क्या यूएसएआईडी ने 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर भारत में किसी और को चुनाव जिताने के लिए खर्चे थे।
भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी)ने 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आर्थिक मदद की थी। इस पर संदेह जाहिर करते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया था कि सत्ता परिवर्तन के लिए यह पैसे दिए गए थे।
बांग्लादेश ने कट्टरपंथी वामपंथी को चुना
यूएसएआईडी ने भारत के अलावा बांग्लादेश को भी आर्थिक मदद भेजी थी। बांग्लादेश में भी राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है। यहां अल्पसंख्यकों का शोषण हो रहा है। ऐसे में ट्रंप ने कहा “29 मिलियन डॉलर राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने और उनकी मदद करने के लिए जाते हैं ताकि वे बांग्लादेश में कट्टरपंथी वामपंथी कम्युनिस्ट को वोट दे सकें। आपको देखना होगा कि उन्होंने किसका समर्थन किया।”
भारत को पैसे की जरूरत नहीं?
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर वाशिंगटन में कहा “भारत में चुनावों में मदद के लिए 18 मिलियन डॉलर? हम पुराने पेपर बैलेट पर वापस क्यों नहीं जाते और उन्हें हमारे चुनावों में मदद करने देते हैं? उन्हें पैसे की जरूरत नहीं है।” जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें कई देशों से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ लगाना शामिल है। सबसे ज्यादा टैरिफ कनाडा, मैक्सिको और चीन पर लगाया गया है। टैरिफ वॉर से बचने के लिए भारत ने भी अमेरिका से आने वाली शराब और अन्य चीजों पर टैरिफ कम किया है। (इनपुट- एएनआई/पीटीआई)