शेयर मार्केट रेगूलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने एक्सिस सिक्योरिटीज लिमिटेड पर बड़ा एक्शन लिया है। सेबी ने एक्सिस सिक्योरिटीज पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना स्टॉक ब्रोकर रूल्स व रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन करने पर लगाया गया है। यह जुर्माना ब्रोकरेज फर्म को 45 दिनों के अंदर चुकाना होगा। 82 पेज के ऑर्डर में सेबी ने कहा कि एक्सिस सिक्योरिटीज कई जगहों पर नियामक प्रक्रियाओं का पालन करने में विफल रही। इसमें रिपोर्टिंग विसंगतियां और क्लाइंट फंड का अनुचित प्रबंधन शामिल है। यह आदेश SEBI की ओर से अप्रैल 2021 से लेकर नवंबर 2022 तक की अवधि के लिए एक्सिस सिक्योरिटीज की जांच करने के बाद आया है।
सेबी की जांच में मिली कई कमियां
SEBI ने यह देखा कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने क्लाइंट से प्राप्त प्रिफरेंस के अनुसार क्लाइंट के फंड और सिक्योरिटीज का सेटलमेंट नहीं किया। साथ ही अकाउंट डिटेल्स के साथ रिटेंशन स्टेटमेंट अवेलेबल कराने में भी विफल रही। इसके अलावा सेबी ने कहा कि ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा लगाए गए जुर्माने को, जो कि अपफ्रंट/गैर-अपफ्रंट मार्जिन की कम वसूली के लिए थे, अपने ग्राहकों पर डाल दिया। SEBI ने देखा कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने क्रेडिट बैलेंस वाले ग्राहकों की सिक्योरिटीज को क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज खाते में ट्रांसफर कर दिया था। इसके अलावा ग्राहकों की शिकायतों का उचित तरीके से समाधान नहीं किया।
पिछले महीने 8 कंपनियों को किया था बैन
पिछले महीने ही सेबी ने फ्रंट रनिंग के मामले में 8 कंपनियों को सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया था। ‘फ्रंट-रनिंग’ का मतलब शेयर बाजार के उस गैरकानूनी तरीके से है, जहां कोई इकाई किसी ब्रोकर या विश्लेषक से मिली गैर-सार्वजनिक जानकारी के आधार पर लेनदेन करती है। सेबी ने कुछ इकाइयों द्वारा गगनदीप कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड (बड़े ग्राहक) के सौदों के कथित तौर पर फ्रंट-रनिंग से संबंधित होने की जांच के बाद यह कार्रवाई की। अपने अंतरिम आदेश में सेबी ने पाया कि आशीष कीर्ति कोठारी, उनके परिवार के सदस्य और उनके HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) पर बड़े क्लाइंट के ट्रेडों को फ्रंट-रनिंग करने का आरोप है।