मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव।
भोपाल: मध्य प्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में क्लीन एनर्जी समेत विभिन्न क्षेत्रों में रिकॉर्ड 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए इन्वेस्टर्स के साथ शुरुआती समझौतों पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल निवेश के बारे में नहीं है, बल्कि विकास के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए विचार-मंथन और आगे का रास्ता तैयार करने के बारे में है।’ उन्होंने कहा कि निवेश प्रतिबद्धताओं से 21.4 लाख नए रोजगार सृजित होंगे और ये निवेश प्रस्ताव रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
अदाणी से लेकर NTPC तक ने जताई प्रतिबद्धता
मंगलवार को भोपाल में संपन्न 2 दिन के निवेशक शिखर सम्मेलन (इन्वेस्ट मध्य प्रदेश) के दौरान 30.77 लाख करोड़ रुपये में से 26.61 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को लेकर MoU पर हस्ताक्षर किए गए। अदाणी समूह से लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की NTPC तक कंपनियों ने सौर संयंत्र और पंप पनबिजली परियोजनाओं जैसी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में 8.62 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। सबसे ज्यादा 8.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव औद्योगिक विनिर्माण में आए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रुचि दिखाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में जापान की रिटेल कंपनी यूनिक्लो भी शामिल है। कंपनी ने रेडिमेट कपड़े के क्षेत्र में एक MoU पर हस्ताक्षर किए हैं।
CM ने राज्य सरकार के भविष्य के एजेंडा पर की बात
मोहन यादव ने कहा कि शहरी विकास, खनन, ऊर्जा, पर्यटन अन्य क्षेत्र हैं, जिसमें बड़ी निवेश प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुईं। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के भविष्य के एजेंडा पर कहा कि भोपाल में एक नया सम्मेलन केंद्र स्थापित करने पर चर्चा चल रही है जिसका उपयोग भविष्य में सभी बड़े आयोजनों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने विमानन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के भीतरी इलाकों की यात्रा को व्यावहारिक बनाने के लिए प्रति उड़ान सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है। साथ ही, सरकार ने मध्यप्रदेश में उतरने वाली किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए प्रति उड़ान 10 लाख रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है।
मोहन यादव ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कही ये बात
मोहन यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2003-04 तक राज्य में आर्थिक और औद्योगिक विकास नकारात्मक था और पार्टी के 10 साल के शासन के दौरान ब्रिटिश काल की कंपनियां राज्य छोड़कर चली गईं। यादव ने कहा कि भाजपा के वापस आने के बाद, उसने इस प्रवृत्ति को पलटने के लिए अथक प्रयास किया है और नए निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता के लिए राज्य ने अनुमतियों की संख्या काफी घटा दी है और अनुमोदन प्रक्रिया को भी समयबद्ध कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश प्रस्तावों और रोजगार सृजन के लिहाज से वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन मील का पत्थर है और इससे राज्य के औद्योगिक और आर्थिक बदलाव तेज होंगे। (भाषा)