‘हमारा हिंदुस्तान जन्नत का वो बागीचा, जहां तहज़ीब का हर रंग फला-फूला’, सूफी संगीत कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी


पीएम मोदीसूफी संगीत कार्यक्रम में पीएम मोदी

Image Source : YT/BHARATIYA JANATA PARTY
सूफी संगीत कार्यक्रम में पीएम मोदी

दिल्ली के सुंदर नर्सरी में शुक्रवार शाम सूफी संगीत के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूफी संगीत समारोह, जहान-ए-खुसरो 2025 में भाग लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने सूफी संगीत को सुनने का आनंद लिया। 

ऐसे कार्यक्रमों से सुकून मिलता है- पीएम मोदी

दिल्ली में जहान-ए-खुसरो कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी  ने कहा, ‘इस तरह के आयोजन न केवल देश की संस्कृति और कला के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनसे एक सुकून भी मिलता है। जहान-ए-खुसरो कार्यक्रम ने भी अपने 25 साल पूरे कर लिए हैं और इन 25 सालों में इस कार्यक्रम ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है जो इसकी सबसे बड़ी सफलता है।’

हमारा हिंदुस्तान जन्नत का बगीचा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘जहान-ए-खुसरो के इस आयोजन में एक अलग खुशबू है। ये खुशबू हिंदुस्तान की मिट्टी की है! वो हिंदुस्तान, जिसकी तुलना हज़रत अमीर खुसरो ने जन्नत से की थी। हमारा हिंदुस्तान जन्नत का वो बागीचा है, जहां तहज़ीब का हर रंग फला-फूला है। यहां की मिट्टी के मिजाज में ही कुछ खास है।’

सूफी परंपरा ने एक अलग पहचान बनाई

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सूफी परंपरा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। सूफी संतों ने खुद को महज मस्जिदों या खानकाहों तक सीमित नहीं रखा है। उन्होंने पवित्र कुरान के हर्फ़ पढ़े, तो वेदों के स्वर भी सुने। उन्होंने अज़ान की सदा में भक्ति के गीतों की मिठास जोड़ी है।

खुसरो ने भारत को बाकी देशों से महान बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हजरत खुसरो ने भारत को उस दौर की दुनिया के तमाम बड़े देशों से महान बताया है। उन्होंने संस्कृत को दुनिया की सबसे बेहतरीन भाषा बताया। वो भारत के मनीषियों को बड़े-बड़े विद्वानों से भी बड़ा मानते हैं।

कला और संस्कृति को बढ़ावा

पीएम मोदी देश की विविध कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रबल समर्थक रहे हैं। इसी कारण पीएम मोदी शुक्रवार को जहान-ए-खुसरो कार्यक्रम में भाग लिया, जो सूफी संगीत, कविता और नृत्य को समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय महोत्सव है। 

28 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित होगा कार्यक्रम

यह महोत्‍सव अमीर खुसरो की विरासत का जश्न मनाने के लिए दुनियाभर के कलाकारों को एक साथ ला रहा है। यह महोत्सव रूमी फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है। इसे 2001 में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और कलाकार मुजफ्फर अली ने शुरू किया था। इस साल यह अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाएगा और 28 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। 

आयोजन स्थल पर लघु फिल्में भी दिखाई जाएंगी

महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने टीईएच बाजार (टीईएच- हस्तनिर्मित वस्तुओं को बढ़ावा) का भी जायजा लिया, जिसमें एक जिला-एक उत्पाद से जुड़े शिल्प और देशभर से विभिन्न उत्कृष्ट कलाकृतियों के साथ-साथ हस्तशिल्प और हथकरघा पर लघु फिल्में आदि दिखाई गईं।

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