
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कर्मचारी
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में कोयला खदान की छत गिरने से एक पर्यवेक्षक सहित तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि गुरुवार को वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की एक कोयला खदान की छत गिर गई। इस समय अलग-अलग सेक्शन में 20 से ज्यादा लोग मौजूद थे। इनमें से तीन मजदूर छत के नीचे आ गए और दबने से उनकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह दुर्घटना जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर छतरपुर क्षेत्र में सरकारी स्वामित्व वाली कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी डब्ल्यूसीएल की भूमिगत खदान में हुई।
पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया ने पीड़ितों को जिस अस्पताल में ले जाया गया, वहां से बताया, “कोयला खदान में छत गिरने के बाद मलबे के नीचे से निकाले गए तीन डब्ल्यूसीएल श्रमिकों की मौत हो गई है।” मृतकों में से दो स्थानीय थे, जबकि तीसरा व्यक्ति पड़ोसी छत्तीसगढ़ के कवर्धा का था। अधिकारी ने कहा कि उसके परिवार से संपर्क किया जा रहा है। एसपी ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, छत दोपहर करीब 3 बजे गिरी।
मृतकों का किया पोस्टमार्टम
सारनी एसडीओपी रोशन कुमार जैन ने बताया कि छतरपुर 1 अंडरग्राऊंड माइन में तीन वेकोलि कर्मी शिफ्ट इंचार्ज गोविंद, ओवर मेन रामप्रसाद और मायनिंग सरदार रामदेव पंडोले की कोयला खदान में छत गिरने से मौत हो गई। रेस्क्यू टीम ने तीनों के शवों को खदान के अंदर से बाहर निकाला। तीनों का पोस्टमार्टम हो चुका है।
कोलकाता की कंपनी को मिला है ठेका
एसडीओपी जैन ने बताया कि दबे हुए कर्मियों में माइनिंग सरदार, ओवरमैन और सेक्शन इंचार्ज शामिल हैं। यह सेक्शन जॉय माइनिंग सर्विस का है। इसमें ऑस्ट्रेलियाई मशीन लगी है। कंपनी कोलकाता की है। सूचना मिलते ही माइन रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई थी। छतरपुर वन खदान में कंट्यूनर माइनर मशीन चल रही थी। कोयला काटते समय अचानक खदान की छत गिर गई। बताया जा रहा है कि अधिकारी और वर्कर खदान में निरीक्षण के लिए उतरे थे उसी समय यह हादसा हो गया।