अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के लिए इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर लगाए जाने वाले सीमा शुल्क को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मंगलवार को घोषणा की। इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच व्यापार युद्ध गहराने के आसार बनते दिख रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि शुल्क वृद्धि का यह फैसला बुधवार से लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि शुल्क में वृद्धि कनाडा के ओंटारियो प्रांत की सरकार के अमेरिका को बेची जाने वाली बिजली की कीमतें बढ़ाने की प्रतिक्रिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट में कहा कि मैंने अपने वाणिज्य मंत्री को कनाडा से अमेरिका में आने वाले सभी इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्देश दिया है। वह दुनिया में कहीं भी सबसे अधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक है।
दुनियाभर में मंदी का खतरा
ट्रंप जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से ही लगातार चीन, कनाडा एवं मेक्सिको से होने वाले आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने की बात करते रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही भारत समेत कई देशों पर जवाबी सीमा शुल्क लगाने की भी घोषणा की है। इन घोषणाओं से अमेरिका समेत समूची दुनिया में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं।
अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
ट्रंप की इस सोशल मीडिया पोस्ट के आते ही अमेरिकी शेयर बाजार में फौरी गिरावट देखने को मिली। शुल्क युद्ध गहराने की धमकियों से शेयर बाजार में भारी बिकवाली के बाद ट्रंप पर यह दिखाने का दबाव है कि उनके पास अर्थव्यवस्था को मंदी में धकेलने के बजाय इसे बढ़ाने की एक वैध योजना है। हालांकि, ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से ही जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उनके शुल्क निर्णयों से अधिक कंपनियां अपने कारखानों को अमेरिका में स्थानांतरित करने की वर्षों से चली आ रही प्रक्रिया शुरू करेंगी।
2 अप्रैल से भारत और चीन पर शुल्क लगाने की घोषणा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत और चीन पर शुल्क लगाने की घोषणा की है। फरवरी में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि उनका प्रशासन ‘‘जल्द’’ भारत और चीन जैसे देशों पर जवाबी शुल्क लगाएगा, उन्होंने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भी यह कहा था। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत को अमेरिका के जवाबी शुल्क से नहीं बख्शा जाएगा और इस बात पर जोर दिया कि शुल्क संरचना पर कोई भी उनसे बहस नहीं कर सकता।