फरवरी 2025 के खुदरा महंगाई के आए आंकड़े आने वाले समय में लोन के और सस्ते होने की राह आसान कर सकते हैं। फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति सात महीने के निचले स्तर 3. 61 प्रतिशत पर आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) यानी केंद्रीय बैंक आगामी 9 अप्रैल को द्विमासिक मौद्रिक नीति के अगले सेट की घोषणा करने वाला है। इसमें उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक अपनी नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर सकता है। आरबीआई, जिसे खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत (+/- 2 प्रतिशत) पर बनाए रखने का आदेश दिया गया है, ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताओं को कम करने के लिए पिछले महीने अल्पकालिक उधार दर (रेपो) में 25 आधार अंकों (0.25%) की कमी की है।
क्या कहते हैं एक्स्पर्ट
पीटीआई की खबर के मुताबिक, आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सीपीआई मुद्रास्फीति में उम्मीद से कहीं अधिक गिरावट आई है और यह सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की मध्यम अवधि के लक्ष्य सीमा के मध्य बिंदु से काफी नीचे है, जिसका कारण खाद्य मुद्रास्फीति में स्वागत योग्य गिरावट है। उन्होंने कहा कि हालांकि, हमारा मानना है कि मार्च 2025 में सब्जियों की मुद्रास्फीति में क्रमिक वृद्धि पिछले चार महीनों में देखी गई पर्याप्त गिरावट के बाद, महीने में खाद्य और पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति में और नरमी को रोक सकती है।
दर कटौती की उम्मीद मजबूत हुई
अदिति नायर ने आगे कहा कि फरवरी में मुद्रास्फीति के आंकड़े 4 प्रतिशत से नीचे गिरने से अप्रैल 2025 की एमपीसी बैठक में लगातार 25 आधार अंकों की दर कटौती की उम्मीद मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद जून 2025 या अगस्त 2025 की बैठकों में 25 आधार अंकों की एक और रेपो दर कटौती हो सकती है। एनएसओ साप्ताहिक रोस्टर पर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हुए चयनित 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से मूल्य डेटा एकत्र करता है।
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति में उम्मीद से कहीं अधिक गिरावट आई है और यह सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की मध्यम अवधि के लक्ष्य सीमा के मध्य बिंदु से काफी नीचे है, जिसका कारण खाद्य मुद्रास्फीति में स्वागत योग्य गिरावट है।
जुलाई 2024 के बाद सबसे कम मुद्रास्फीति
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से बुधवार को जारी खुदरा मुद्रास्फीति जारी करते हुए कहा कि जनवरी 2025 की तुलना में फरवरी 2025 की हेडलाइन मुद्रास्फीति में 65 आधार अंकों की गिरावट आई है। जुलाई 2024 के बाद यह साल-दर-साल सबसे कम मुद्रास्फीति है।