फसल बीमा योजना में आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान भी किए जाएं शामिल, संसदीय समिति का सुझाव


2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले छोटे किसानों को मुफ्त अनिवार्य फसल बीमा देने की भी सिफारिश की गई है।

Photo:FREEPIK 2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले छोटे किसानों को मुफ्त अनिवार्य फसल बीमा देने की भी सिफारिश की गई है।

संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में आवारा पशुओं द्वारा फसलों को पहुंचाए गए नुकसान को कवर किया जाना चाहिए। इसके अलावा, इसके अलावा, सरकार ने फसल अवशेषों को जलाने पर रोक लगाने के लिए धान किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की वित्तीय सहायता देने की भी सिफारिश की गई है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसने 2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले छोटे किसानों को मुफ्त अनिवार्य फसल बीमा देने की भी सिफारिश की है।

मुआवजे के हकदार हों ऐसे किसान

खबर के मुताबिक, कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर संसद की एक स्थायी समिति ने बुधवार को लोकसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) का मकसद प्राकृतिक आपदाओं, कीटों के हमलों और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण फसल के नुकसान की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति का सुझाव है कि आवारा पशुओं द्वारा फसलों को पहुंचाए गए नुकसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कवर करने पर विचार किया जा सकता है ताकि जिन किसानों की फसलें आवारा पशुओं द्वारा नष्ट की जाती हैं, वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के हकदार हों।

छोटे किसानों की वित्तीय स्थिरता पर काफी प्रभाव पड़ सकता है

समिति ने सरकार से राज्य सरकारों से धन जारी करने में देरी और नुकसान के लिए अपर्याप्त मुआवजे जैसे मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए कहा, ताकि इस योजना की प्रभावशीलता में सुधार हो सके। समिति ने कहा कि देश के सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की तर्ज पर अगर सरकार द्वारा 2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले छोटे किसानों को मुफ्त अनिवार्य फसल बीमा प्रदान किया जाता है, तो इससे छोटे किसानों की वित्तीय स्थिरता पर काफी प्रभाव पड़ सकता है।

इससे छोटे किसानों को फसल के नुकसान के खिलाफ सुरक्षा जाल प्रदान करने और बेहतर कृषि पद्धतियों में निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी क्योंकि वे प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों से होने वाले नुकसान के लिए वित्तीय मुआवजे के बारे में सुनिश्चित होंगे।

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