
ओवैसी को पुलिस का जवाब।
AIMIM पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र के रत्नागिरी में मस्जिद पर हमले का आरोप लगाया है और दावा किया है कि पुलिस की मौजूदगी में मस्जिद पर हमला किया गया है। ओवैसी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, अब पुलिस ने ओवैसी के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पुलिस ने बताया है कि ये एक प्रथा है, जिसमें होली की शोभायात्रा मस्जिद के दरवाजे तक लाई जाती है और लकड़ी को मस्जिद की सीढ़ियों से छुआ जाता है। आइए जानते हैं इस प्रथा के बारे में।
क्या है ‘मडाची मिरवणूक’ प्रथा?
रत्नागिरी पुलिस ने होली उत्सव के दौरान एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के पूजा स्थल में जबरन प्रवेश करने की खबरों का खंडन किया है। पुलिस ने बताया है कि महाराष्ट्र के कोंकण की परंपराएं अलग अलग हैं, जिसमें ‘मडाची मिरवणूक’ नामक एक प्रथा है। इसमें होली की शोभायात्रा मस्जिद के दरवाजे तक लाई जाती है और लकड़ी को मस्जिद की सीढ़ियों से छुआ जाता है। हर साल, इस शोभायात्रा में मुस्लिम समुदाय के लोग भी भाग लेते हैं।
12 तारीख को क्या हुआ?
रत्नागिरी पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक लंबे समय से यह एक ट्रेडीशन चला आ रहा है, जिसमें शिमगा यानी कि एक बड़े से पेड़ को काटकर शहर भर में घुमाया जाता है और उसके बाद मस्जिद की सीढ़िया से टच करा कर होलिका दहन के लिए लेकर जाते हैं। लेकिन 12 तारीख को हिंदू पक्ष की तरफ से कुछ लोग अधिक उत्साहित हो गए जिसके बाद पेड़ ज्यादा अंदर चला गया। रत्नागिरी के राजापुर पुलिस स्टेशन में हिंदू पक्ष के 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है।
13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर काफी ज्यादा अफवाह फैलाई जा रही है जो कि बेबुनियाद है। मुस्लिम पक्ष भी इस प्रथा में अहम भूमिका निभाता है और नारियल अर्पित करता है। रत्नागिरी SP धनंजय कुलकर्णी के मुताबिक, इस पूरे मामले में महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 135 और अनलॉफुल असेम्बली के तहत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले अकाउंट्स पर भी कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल मामला पूरी तरह से शांत है।
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